Bihar Constable Recruitment: एक सरकारी नौकरी ने खोली प्रदेश प्रशासन की पोल

पटना। बिहार पुलिस में सिपाही की भर्ती परीक्षा जारी है। सिपाही भर्ती के लिए 21,391 पदों पर भर्ती होनी है। जिसके लिए परीक्षा 7 अगस्त से शुरू होकर 28 अगस्त तक चलेगी। इस परीक्षा में कुल 17.87 लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। 21 हजार पदों के लिए 18 लाख […]

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Bihar Constable Recruitment: एक सरकारी नौकरी ने खोली प्रदेश प्रशासन की पोल

Pooja Pal

  • August 26, 2024 3:10 am IST, Updated 3 months ago

पटना। बिहार पुलिस में सिपाही की भर्ती परीक्षा जारी है। सिपाही भर्ती के लिए 21,391 पदों पर भर्ती होनी है। जिसके लिए परीक्षा 7 अगस्त से शुरू होकर 28 अगस्त तक चलेगी। इस परीक्षा में कुल 17.87 लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। 21 हजार पदों के लिए 18 लाख युवा परीक्षा देंगे। यही कारण है कि जहां भी परीक्षा का आयोजन किया जाएगा, वहां व्यवस्था चरमरा जा रही है। एक सरकारी नौकरी पाने के लिए युवा अपनी जान की बाजी तक लगा दे रहे हैं।

भारी संख्या में युवा स्टेशन आए

सिपाही भर्ती परीक्षा खत्म होने के बाद रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से यात्रा करने के लिए इतनी बड़ी तादाद में युवा पहुंच गए कि ट्रेन में पांव रखने तक की जगह नहीं बची। कई युवा लटककर ही ट्रेन पर चढ़ गए। जिन्हें लटकने की भी जगह नहीं मिली, वे रेल की पटरियों पर ट्रेन के पीछे दौड़ने लगे। शायद उन्हें उम्मीद थी कि ट्रेन रुक जाएगी और वे उसमें सवार हो जाएंगे। यह केवल उनकी एक कल्पना मात्र थी जो सच नहीं हो सकती थी। इस बात का आभास इन युवाओं को भी कुछ देर पटरियों पर भागते समय हो गया। इसके बाद वे किसी और ट्रेन के आने का इंतजार करने लगे।

शरीफ के 25 केंद्रों पर परीक्षा

बता दें कि रविवार को बिहार शरीफ के 25 केंद्रों पर सिपाही भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए कई जिलों और प्रदेशों के अभ्यार्थी बिहार पहुंचे थे। कई तो रात भर स्टेशन पर ही रहे और सुबह परीक्षा देने के लिए सेंटर पर आए। परीक्षा समाप्त होने के बाद हजारों की संख्या में परीक्षार्थी बिहार शरीफ रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हुए, तभी पलामू एक्सप्रेस वहां पहुंची। यह राजगीर से चलकर पटना होते हुए पलामू जा रही थी।

अभ्यर्थी व्यवस्था से नाराज

सिपाही की भर्ती परीक्षा देकर आए अभ्यर्थी अभिमन्यु कुमार व्सवस्था को लेकर काफी आक्रोशित थे। उनका कहना था कि परीक्षार्थियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। कुछ ऐसा ही आदर्श कुमार और मुकेश कुमार का भी कहना था। सब गुस्साए हुए थे, लेकिन शायद उनकी आवाज प्रशासन तक नहीं पहुंच रही थी।

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