Sheikh Hasina: शेख हसीना इन 4 देशों में जाकर रह सकती है, जानिए इसके पीछे की वजह?

0
304
Sheikh Hasina
Sheikh Hasina

पटना। शुरू में ऐसा लग रहा था कि बांग्लादेश में गद्दी छोड़ने के बाद शेख हसीना ब्रिटेन में जाकर शरण लेंगी। वहां उन्हें शरण मिल भी जाएगी,लेकिन ऐसा हुआ नहीं। शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा दिए हुए बहुत दिन हो गए है। बीते दिनों के साथ ऐसा लगने लगा है कि शायद यूनाइटेड किंगडम में उन्हें शरण मिलना आसान नहीं है। वह भारत में ज्यादा दिनों तक रुक नहीं सकतीं, लिहाजा उनके लिए अन्य देशों में शरण लेने के प्रयास तेज हो गए हैं। 5 ऐसे देश हैं, जहां उनकी निगाहें टिकी हुई हैं। जहां वह जाकर रह सकती हैं।

किस देश में जाकर लेंगी शरण?

ये उतना आसान नहीं होगा, क्योंकि हर देश के साथ कोई ना कोई परेशानी सामने आ रही है। ऐसे में ये सवाल उठता है कि शेख हसीना किसी मुस्लिम देश में शरण लेने के प्रयास क्यों नहीं करतीं? ऐसा लगता है कि शायद ही कुछ मुस्लिम देश उन्हें बांग्लादेश की स्थिति को देखते रखने को तैयार हों, लेकिन ऐसा जरूरी भी नहीं हैं, शेख हसीना कुछ देशों में शरण लेने पर विचार कर सकती हैं। वे 4 देश कौन से हैं, जहां जाकर रहने की कोशिशों पर वह विचार रही है, लेकिन इसकी राह में कहां और कौन सी अड़चन है, आइए बताते है?

रूस

शेख हसीना के रूस के साथ मजबूत संबंध हैं। जिससे लगता है कि प्रयास करने पर वह वहां जा सकती हैं, लेकिन उनका बेटा अमेरिका में रहता है और रिश्तेदार यूनाइटेड किंगडम से लेकर फिनलैंड तक फैले हुए हैं। यदि वह रूस में जाकर रहती है तो वह सभी से कट जाएंगी। रूस में शरण लेने के बाद ना तो वे इन जगहों पर जा सकती हैं और ना कोई अन्य जगह से उनके पास आ सकता है।

बेलारूस

शेख हसीना शरण के लिए जिन देशों पर विचार कर रही हैं, उसमें बेलारूस भी शामिल है। वह असलियत में बेलारूस को शरण के लिए एक संभावित देश के रूप में मान रही हैं। रिपोर्ट से संकेत मिले है कि भारत से रवाना होकर बेलारूस जा सकती हैं, जहां उनका भतीजा रहता है। यह विकल्प तब सामने आया है जब ब्रिटेन ने शरण देने में आनाकानी दिखाई।

कतर

कतर के बांग्लादेश के साथ अच्छे राजनीतिक संबंध हैं। जिससे हसीना को शरण प्रक्रिया में आसानी प्रदान हो सकती है। राजनीतिक हस्तियों को शरण देने में कतर का इतिहास रहा है, जो शेख हसीना के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

फिनलैंड

हसीना के फिनलैंड में पारिवारिक रिश्तेदार हैं, उनके कई रिश्तेदार वहां के स्थानीय निवासी हैं। ये कनेक्शन यूरोप में उनको शरण दिलाने को सुविधाजनक बना सकता है। यूरोप से लेकर अमेरिका तक रह रहें अपने करीबियों से वह यहां आसानी से मिल सकती हैं। बेटा, बेटी और रिश्तेदार भी वहां आराम से आ-जा सकते हैं।