पटना। तुलसी की पूजा हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है।विशेषकर भगवान श्रीकृष्ण की उपासना में। तुलसी के पौधे को सनातन धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है और इसे भगवान विष्णु और उनके अवतारों के लिए प्रिय माना जाता है। तुलसी की
पूजा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती है। इससे जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि का संचार होता है।
तुलसी की महिमा
पवित्रता– तुलसी का पौधा बहुत पवित्र माना जाता है और इसे घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार होता है।
धार्मिक महत्व– पुराणों में तुलसी का उल्लेख भगवान विष्णु की अति प्रिय भक्त के रूप में किया गया है। इसे श्रीकृष्ण की उपासना में विशेष स्थान प्राप्त है।
स्वास्थ्य लाभ– तुलसी में कई औषधीय गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। इसे आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।
तुलसी की पूजा विधि
- स्नान और शुद्धिकरण– प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- आसन– तुलसी के पौधे के सामने एक साफ स्थान पर आसन बिछाएं।
- तुलसी को जल अर्पित करें- एक लोटे में स्वच्छ जल लेकर उसमें गंगा जल मिलाकर तुलसी के पौधे को अर्पित करें।
- दीपक और अगरबत्ती– तुलसी के पौधे के पास दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- मंत्र जाप– तुलसी के पौधे के पास बैठकर भगवान विष्णु और तुलसी माता के मंत्रों का जाप करें। विशेष रूप से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
- प्रसाद अर्पण– तुलसी के पौधे को ताजे फूल और फल अर्पित करें।
- परिक्रमा– तुलसी के पौधे की 11 या 21 बार परिक्रमा करें।
- प्रार्थना– भगवान श्रीकृष्ण से अपनी मनोकामनाओं के लिए प्रार्थना करें और तुलसी माता से आशीर्वाद प्राप्त करें।
तुलसी पूजन के लाभ
- कृपा और आशीर्वाद– तुलसी की पूजा करने से भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है।
- धन और सुख– तुलसी की पूजा से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
- स्वास्थ्य– तुलसी के औषधीय गुणों के कारण स्वास्थ्य में सुधार होता है।