पटना : आमचुनाव के नतीजे आए हुए एक माह से ऊपर हो चुके है। वहीं अब बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में सभी पार्टियां जुट गई हैं। ऐसे में भाजपा ने आमचुनाव के नतीजे आने से ठीक एक माह बाद समीक्षा कर प्रदेशों में प्रभारियों को लेकर बड़ा बदलाव किया है। लेकिन बिहार में आमचुनाव में पांच सीटें हारने के बाद भी पार्टी ने कोई फेरबदल नहीं किया है। वहीं पार्टी ने इन्हीं के कंधों पर आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी इज्जत बचाने की जिम्मेदारी दे दी है। जानकारी के लिए बता दें कि 2019 आमचुनाव में बीजेपी को 17 सीटें हासिल हुई थीं।
भाजपा ने तावड़े पर जताया भरोषा
बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश प्रभारियों के दायित्व में बीते दिन शुक्रवार को व्यापक फेर-बदल किया गया। बिहार में 5 सीटें हारने पार्टी के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े व सह प्रभारी दीपक प्रकाश अपनी कुर्सी बचाने में बरकरार दिखे। 2024 के आमचुनाव में बीजेपी 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ी और 5 सीट हार गई। ऐसे में 12 सीट पर पार्टी को जीत मिली इसके बाजवूद पार्टी ने तावड़े पर भरोसा जताते हुए फिर से जिम्मेदारी सौंप दी है। गौरतलब है कि 2019 में बीजेपी बिहार में 17 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
इन्हें फिर से मिला मौका
पार्टी ने तावड़े को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में क्षवि बचाने का जिम्मा सौंपा है। वहीं तावड़े के सामने बड़ी चुनौती यह है कि कई बीजेपी विधायकों के विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की करारी हार हुई है। ऐसी चुनौतियाें से पार्टी को बाहर निकलना होगा। बिहार के नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन को फिर से छत्तीसगढ़ का पार्टी प्रभारी नियुक्त किया गया है। इसी तरह MLC देवेश कुमार मिजोरम के प्रभारी फिर से चुने गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश सरकार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डा. दिलीप जायसवाल को भी पार्टी ने सिक्किम के प्रभारी पद की जिम्मेदारी सौंपी है। बिहार से कृषि व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बंगाल के पहले से ही प्रभारी पद पर कार्यरत हैं।