Sunday, November 3, 2024

Parliament Session : हंगामे के बाद राज्यसभा से विपक्ष का वॉकआउट, पीएम मोदी बोले-जनता की बुद्धिमता पर गर्व

पटना : आज बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं। इस दौरान वो विपक्ष की तरफ से लगाए गए कई आरोपों का जवाब भी दे सकते हैं। इससे पहले भी उन्होंने मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष पर जमकर हमला बोला था। तो चलिए जानते है आज राज्यसभा में पीएम मोदी ने क्या-क्या कहा।

सभी सांसदों का किया आभार व्यक्त

राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि “पिछले दो-ढाई दिन में करीब 70 सांसद इस चर्चा में शामिल हुए। राष्ट्रपति के अभिभाषण को व्याख्यायित करने में आप सभी सांसदों ने जो योगदान दिया है उसके लिए मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूं।” उन्होंने आगे कहा, ” भारत की आजादी की इतिहास में हमारे संसदीय लोकतांत्रिक यात्रा में कई दशकों के बाद देश की जनता ने एक सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया। 60 साल बाद ऐसा हुआ है कि सरकार 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद वापस लौटी है। यह कोई सामान्य बात नहीं है। कुछ लोगों ने जानबूझकर जनता द्वारा दिए गए इस फैसले को धूमिल करने की कोशिश की…”

भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर

राज्यसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, “मैं कांग्रेस के कुछ साथियों का हृदय से धन्यवाद करना चाहता हूं। नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया था कि एक तिहाई सरकार. इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।”

https://x.com/AHindinews/status/1808396139802288599

जनता की बुद्धिमता पर गर्व

पीएम मोदी ने आगे कहा “इन चुनावों में हमें देश की जनता की बुद्धिमता पर गर्व होता है। उन्होंने प्रोपेगंडा को परास्त कर दिया। जनता ने प्रदर्शन को प्राथमिकता दी। उन्होंने धोखे की राजनीति को खारिज कर दिया और विश्वास की राजनीति पर जीत की मुहर लगा दी।”

आगामी पांच साल गरीबी के खिलाफ लड़ाई

उन्होंने आगे कहा “आने वाले पांच साल मूल्य सुविधाओं के संतृप्ति के लिए और गरीबी के खिलाफ लड़ाई के लिए हैं। आने वाले पांच वर्ष गरीब जब गरीबी के खिलाफ लड़ाई के लिए एक सामर्थ्य के साथ खड़ा हो जाता है और फिर वह सफलता को प्राप्त करता है इसलिए आने वाले 5 साल गरीबी के खिलाफ निर्णायक वर्ष है और यह देश गरीबी के खिलाफ विजयी होकर उभरेगा और यह बात मैं पिछले 10 वर्षों के अनुभव के आधार पर कह रहा हूं। जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा तो इसका असर जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ेगा।”

मछुआरों को भी दिया गया किसान क्रेडिट कार्ड

पीएम मोदी ने राजयसभा में बोलते हुए कहा, “हमने कृषि को एक व्यापक स्वरूप में देखा है और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराया है। कांग्रेस के कार्यकाल में 10 साल में एक बार किसानों की कर्जमाफी हुई और किसानों को गुमराह करने का भरसक प्रयास किया गया था और 60 हजार करोड़ की कर्जमाफी का इतना हल्ला मचाया था। उसके लाभार्थी सिर्फ तीन करोड़ किसान थे। गरीब किसान का तो नामो-निशान नहीं था। उनको लाभ पहुंच भी नहीं पाया था।”

विपक्षी सांसदों ने विरोध कर वॉकआउट किया

बता दें कि राज्यसभा में जब पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे तो विपक्षी सांसदों ने विरोध किया, नारे लगाए और वॉकआउट किया। विपक्षी सांसदों का कहना है कि विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों में सच सुनने की ताकत नहीं है। जिनमें सत्य का सामना करने का साहस नहीं है, उनमें इन चर्चाओं में उठे प्रश्नों के उत्तर सुनने का साहस नहीं है। वे उच्च सदन का, उच्च सदन की गौरवशाली परंपरा का अपमान कर रहे हैं।”

वॉकआउट पर सभापति ने सांसदों से की अपील

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री के बोलने के दौरान विपक्षी सांसदों के राज्यसभा से बाहर चले जाने के बाद राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “मैंने उनसे अनुरोध किया कि विपक्ष के नेता को बिना किसी रुकावट के बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। आज उन्होंने सदन को नहीं बल्कि गरिमा को पीछे छोड़ा है।

भारत के संविधान को पीठ दिखाया गया

धनखड़ ने आगे कहा कि आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई है बल्कि भारत के संविधान को पीठ दिखाई। उन्होंने मेरा या आपका अपमान नहीं किया बल्कि उन्होंने जो संविधान की शपथ ली थी उसका अपमान किया है। भारत के संविधान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता…मैं उनके आचरण की निंदा करता हूं…यह एक अवसर है जहां उन्होंने भारतीय संविधान को चुनौती दी है। उन्होंने भारतीय संविधान की भावना को अपमानित किया है, उन्होंने जो शपथ ली थी उसकी अवहेलना की है… भारतीय संविधान आपके हाथ में पकड़ने वाली चीज़ नहीं है, यह जीवन जीने की किताब है। मुझे आशा है कि वे आत्मचिंतन करेंगे और कर्तव्य पथ पर चलेंगे।”

Ad Image
Latest news
Ad Image
Related news