पटना। छठ महापर्व 2024 की शुरूआत कल नहाय-खाय से हो चुकी है। आज पर्व का दूसरा दिन है, जिसे खरना के नाम से जाना जाता है। यह छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। खरना के दिन महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं और छठी मैया की आराधना में लगी रहती है। इसके बाद शाम को प्रसाद बनाने और ग्रहण करने की परंपरा को किया जाता है।
खरना की तैयारी
छठ पूजा के दूसरे दिन 6 नवंबर को खरना होता है। आज खरना की तैयारी की जाती है। इस दिन सूर्यास्त के बाद गुड़, दूध से बनी खीर और रोटी का प्रसाद बनाया जाता है। खरना के मौके पर महिलाएं सूर्य देव को भोग लगाती है। उसके बाद प्रसाद को ग्रहण करती हैं, जिसके बाद उनका 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।
खरना का शुभ मुहूर्त
नहाय खाय का शुभ मुहूर्त सुबह 6.39 मिनट पर आरंभ होगा। जो सूर्यास्त शाम 5.41पर होगी। खरना का शुभ मुहूर्त 6 नवंबर को 6.37 मिनट पर शुरू होगा, जिसकी समाप्ति 5.32 मिनट पर होगी। इस दिन महिलाएं पूरे दिन उपवास करती है। रात के समय खीर का महा प्रसाद ग्रहण करती है। छठ व्रत का पारण उगते सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात ही किया जाता है। इस दिन गुड़, चावल और दूध से महाप्रसाद तैयार किया जाता है। व्रती महिलाएं और पुरुष को इस दिन नमक से बने खाने का सेवन नहीं करते हैं।
छठ पूजा का महत्व
मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव और छठी मईया की पूजा करने से निसंतान महिलाओं की संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही संतान की सुख, समृद्धि और लंबी आयु का आशीर्वाद भी मिलता है। सनातन धर्म में छठ पूजा का बहुत महत्व होता है। खास तौर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में यह पर्व धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस पूजा की शुरुआत सूर्य पुत्र और महान योद्धा कर्ण ने की थी। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव और छठी मईया की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।