Friday, October 18, 2024

Navratri: नवरात्रि के तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित, जाने मां के दिव्य स्वरुप व पूजा विधि के बारे में

पटना। आज नवरात्रि का तीसरा दिन है। आज का दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है। आज के दिन मां चंद्रघंटा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। देवी का स्वरूप बहुत ही सुंदर और भव्य है। जो सभी का मन मोह लेता है। ब्रह्म का अर्थ है तप यानी तप करने वाली देवी हैं।

मां चंद्रघंटा का स्वरुप

मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इनकी अराधना से प्रत्येक काम में सफलता मिलती है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप देवी चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। शास्त्रों के मुताबिक देवी चंद्रघंटा माता पार्वती का विवाहित रूप हैं। उन्होंने शिव जी से विवाह करने के बाद माथे पर आधा चंद्रमा सजाना शुरू कर दिया था, इसलिए उन्हें मां चंद्रघंटा कहा जाता है। मां चंद्रघंटा के हाथों में गदा, त्रिशूल, बाण, धनुष, तलवार, कमंडल और कमल का होता हैं।

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि

देवी चंद्रघंटा की पूजा और भक्ति करने से आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है। बता दें कि नवरात्रि के तीसरे दिन जो भी माता के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की विधि-विधान तरीके से पूजा करता है, उन सभी को माताओं की कृपा बनी रहती है।नवरात्रि के तीसरे दिन माता की पूजा के लिए सबसे पहले कलश की पूजा जाती है। फिर सभी देवी- देवताओं, माता के परिवार के देवता, विजया, गणेश, लक्ष्मी कार्तिकेय, देवी सरस्वती सभी की पूजा करें। इसके बाद फिर मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करें।

Ad Image
Latest news
Ad Image
Related news