पटना। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत इस साल 3 अक्टूबर से हो रही है। इस बार मां दुर्गा की सवारी पालकी होने वाला है। मां भवानी हर बार अलग-अलग सवारी पर सवार होकर धरती लोक पहुंचती हैं। बता दें कि मां दुर्गा किस जिस भी वाहन से आती हैं इसका पूरा असर देश और दुनिया पर […]
पटना। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत इस साल 3 अक्टूबर से हो रही है। इस बार मां दुर्गा की सवारी पालकी होने वाला है। मां भवानी हर बार अलग-अलग सवारी पर सवार होकर धरती लोक पहुंचती हैं। बता दें कि मां दुर्गा किस जिस भी वाहन से आती हैं इसका पूरा असर देश और दुनिया पर देखने को मिल जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा का पालकी पर सवार होकर आना देश व दुनिया की सुरक्षा और आर्थिक व्यवस्था के लिए शुभ संकेत नहीं है। तो आइए जानते हैं नवरात्रि कब से कब तक रहने वाला हैं और साथ ही मां भवानी के पालकी पर आने से किन सब बातों का अनुमान लगाया जा रहा है।
इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होगी और 11 अक्टूबर की महानवमी है। जबकि 12 अक्टूबर को दशहरा और मां दुर्गा का विर्सजन किया जाएगा। 3 अक्टूबर को कलश स्थापना होने के साथ प्रथम रूप मां शैलपुत्री की पूजा होगी।
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा किस वाहन पर सवार होती हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि नवरात्रि किस दिन शुरू होती है। जब नवरात्रि मंगलवार और शनिवार को शुरू होती है तो मां दुर्गा की सवारी अश्व यानी घोड़ा मानी जाती है।
यदि नवरात्रि गुरुवार और शुक्रवार को शुरू होती है तो मां दुर्गा को डोली और पालकी पर सवार माना जाता है। यदि मां दुर्गा रविवार और सोमवार को आती हैं तो उनका वाहन हाथी है। जो सबसे शुभ माना जाता है.
ज्योतिष और धर्म के जानकार लोगों का कहना है कि जब मां दुर्गा डोली या पालकी पर सवार होती हैं तो यह अच्छा संकेत नहीं होता है। पालकी पर मां दुर्गा का आगमन सभी के लिए चिंता बढ़ाने वाला माना जाता है। अर्थव्यवस्था के चौपट होने से लोगों का कारोबार मंदा पड़ने की आशंका है.
माता की पालकी की सवारी के कारण देश-दुनिया में महामारी फैलने का भी डर है. लोगों को किसी बड़ी अप्राकृतिक घटना का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य में भारी गिरावट आ सकती है। दूसरे देशों से हिंसा की ख़बरें आ सकती हैं.