पटना : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव ने आज राजद की तरफ से धरना प्रदर्शन के दौरान बड़ा बयान दिया है। उन्होंने जनगणना समेत कई मुद्दों पर एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा है। इस दौरान उन्होंने कहा, “मुद्दा यह है कि महागठबंधन की सरकार में जब हम बिहार के उपमुख्यमंत्री थे तो हमने पिछड़े, अति-पिछड़े, दलित समाज के लिए आरक्षण की सीमा को बढ़ाया. हम लोगों ने आरक्षण बढ़ाया जिसे हम सुरक्षित करना चाहते थे।
मलाई खाने का अधिकार केवल कुछ ही को है
मौके पर उन्होंने कहा कि कई दिन हो गए, संसद में हमारे सांसद मनोज झा ने इसपर सवाल पूछा तो भारत सरकार के लोगों ने गोल-मटोल जवाब देते हुए राज्य सरकार पर डाल दिया. नौंवी अनुसूचि का मामला राज्य सरकार नहीं देखती है. ऐसा समाज जो अंतिम पायदान पर खड़ा है वो आगे आए, सबके साथ बैठे, सब बराबर रहें, यह भाजपा के लोग नहीं चाहते। भाजपा के लोग चाहते हैं कि कचड़ा उठाने वाले की आने वाली पीढ़ी जिंदगी भर वही काम करे. भूमिहीन को जमीन न मिले, भिखारी को जीवन भर भिखारी बनाकर रखो. यानी जो चंद लोग हैं मलाई खाने का अधिकार केवल उन्हीं को है.”
वो लोग कहते हैं कि हम बाटने की बात कर रहे हैं
इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा, “आखिर क्यों समाजवादी नेताओं ने समय-समय पर जाति आधारित जनगणना की बात की? आज भी समाज में भेदभाव होता है। जाति का नाम लेकर गाली दी जाती है. दलित के बेटे की शादी में वे मंदिर में पूजा नहीं करेगा। यह क्या व्यवस्था है? आज जब हम लोग गिनती की बात करते हैं तो वो लोग कहते हैं कि हम बाटने की बात कर रहे हैं। हम उनसे पूछना चाहते हैं कि लोग अपने नाम के आगे नाम लिखते हैं. ये क्या तेजस्वी, लालू या राष्ट्रीय जनता दल ने बनाया? किसने यादव, मिश्रा, दास या कुशवाहा बनाया।
जात पता कर गरीबी से निकालों
मौके पर राजद नेता तेजस्वी ने आगे कहा, “हम तो कह रहे हैं कि चाहें कोई भी जाति के लोग हों आज उनकी स्थिति क्या है यह पता करो। यह पता करो कि गरीबी सबसे ज्यादा किस जाति में है उसका पता करो और फिर उस जात को गरीबी से निकालो। हम केवल इतना ही चाहते हैं।”