Monday, September 16, 2024

Bihar Land Survey : अगर आपके पास भी है पुश्तैनी जमीन का मौखिक बंटवारा, तो सर्वे से पहले जान ले ये बात

पटना : इन दिनों बिहार में नीतीश सरकार की तरफ से जमीन का सर्वे कराया जा रहा है। इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच अक्सर होने वाले भूमि विवाद को हमेशा के लिए निपटाना है। इसके साथ-साथ सरकार आपके गांव वाले जमीन का भी डेटा अपने पास रखना चाह रही है, ताकि अधिग्रहण के दौरान किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो। बिहार में जमीन सर्वे के दौरान जमीन के असली मालिक को सर्वे करने आई टीम को अपनी भूमि से जुड़े जरुरी डाक्यूमेंट्स दिखाने हैं, लेकिन प्रदेश में कई लोगों के पास ऐसी पुश्तैनी लैंड है जिसका केवल मौखिक बंटवारा हुआ है।

मौखिक बंटवारा वाले जमीन के लिए दिक्कत

प्रदेश में अभी भी अधिकांश जमीन ऐसे है, जिसका कागजी बंटवारा न होकर मौखिक बंटवारा हो रखा है। ऐसे जमीन जिनका बंटवारा कागजों पर परिवार के बीच पैतृक भूमि का बंटवारा नहीं हुआ है। ऐसे हालात में जमींदार को सर्वे के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं पूर्वजों द्वारा मिली पट्टीदारी जमीन के मौखिक बंटवारे वाले जमींदार को सर्वे के दौरान दिक्कत हो रही है। सर्वेक्षणों के लिए मौखिक बंटवारे स्वीकार्य नहीं है। बता दें कि ऐसी स्थिति में पट्टीदार के सभी हिस्सेदारों के सामूहिक साइन (हस्ताक्षर) के साथ स्वघोषणा पत्र दिखाना है। इसके लिए बहन, फुआ आदि हिस्सेदारों के हस्ताक्षर होने जरूरी है। यदि किसी हिस्सेदारों की मृत्यु हो चुकी है तो उनके सभी बच्चों का हस्ताक्षर होने अनिवार्य है।

लिखित डॉक्यूमेंट को ही मान्यता देंगे

बता दें कि सर्वे अधिकारी सिर्फ लिखित डॉक्यूमेंट को ही मान्य देंगे. मौखिक बंटवारे को सर्वे अधिकारी नहीं मानेंगे. उदाहरण के समझते है- अगर किसी के पिता चल बसे है और उनके तीन संतान हैं तथा तीनों संतानों के बीच संबंधित जमीन का केवल मौखिक बंटवारा हुआ है तो सर्वेक्षण अधिकारी इस बंटवारे को मान्य नहीं मानेंगे और उक्त जमीन को सामूहिक खतियान में दर्ज करेंगे. ऐसे में इसका एक ही उपाय है कि पारिवारिक बंटवारे का निबंधित डॉक्यूमेंट्स संबंधित मालिक जरूर दिखाएं। मौखिक बंटवारे के हालात में संयुक्त खतियान बनाना पड़ेगा।

ऑनलाइन करें आवेदन

लैंड सर्वे 2024 के लिए आप ऑनलाइन आवेदन का भी विकल्प ले सकते हैं. इससे दूसरे राज्य में रह रहे बिहार के लोगों को भी सुविधा मिलेगी। जमीन सुधार और राजस्व विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (डीएलआरएस) के माध्यम से दस्तावेज जमा कराया जाएगा. आवेदन के साथ जमींदार अपना जरूरी कागजात भी अपलोड कर सकते हैं। भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग ने जमींदारों के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने की सुविधा स्टार्ट कर दी है।

सत्यापन के वक्त मौजूद रहना जरुरी

सर्वे की देखरेख कर रहे जिला बंदोबस्त अधिकारी फिरोज अख्तर ने कहा कि इसके लिए विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऍप्लिकेशन दाखिल करना होगा. आवेदन के साथ-साथ स्वघोषणा पत्र एवं जरूरी कागजात प्रपत्र 2 और 3 (एक) में अपलोड करें। प्रपत्र 2 स्व घोषणा पत्र और प्रपत्र 3 (एक) वंशावली है. ऑनलाइन आवेदन करनेवाले जमींदार को सत्यापन के वक्त खुद या उनके प्रतिनिधि का मौजूद रहना जरुरी है.

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