पटना : जीतन राम मांझी मंगलवार को पटना के रवींद्र भवन में 18 एससी-एसटी जातियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान वो आरक्षण को लेकर अलग तेवर में दिखे। उन्होंने आरक्षण कोटा में कोटा का खुल कर समर्थन किया। मौके पर उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कहा कि SC-ST की जो जातियां आज भी आरक्षण के लाभ से दूर हैं, उन्हें आरक्षण में उपवर्गीकरण करके इसका फायदा दिया जाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि संपन्न दलित यह अफवाह फैला रहे हैं कि आरक्षण खत्म करने की साजिश रची जा रही है। आजादी के 78 वर्ष पूरे होने को है ऐसे में संपन्न दलित ही 95% नौकरी और तमाम सुविधाओं का फायदा उठा रहे हैं।
सम्मेलन में इन 18 जातियों के लोग शामिल
बता दें कि जीतन राम मांझी पहले भी आरक्षण को लेकर सुर्ख़ियों में रहे हैं। इन दिनों भी वो आरक्षण के मुद्दे को लकेर चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस बीच आरक्षण में बंटवारे को लेकर वो बड़ी तैयारी के मूड में हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि आरक्षण में जातियों के उपवर्गीकरण को जल्द से जल्द लागू कर सर्वोच्च न्यायालय की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए। इसे लागू कराने के लिए दबाव बनाने के लिए गांधी मैदान में रैली की जायेगी. बता दें, 18 एससी-एसटी जातियों के सम्मेलन में मुसहर-भुइयां, रजवार, भोक्ता, घुमंतू, डोम, मेहतर तुरी आदि जातियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
भारत बंद को लेकर दिया बयान
भारत बंद को लेकर मांझी ने कहा कि यह गलत है। 21 अगस्त को भारत बंद नेतृत्वहीन और अनुचित है। इस बंद में 18 जातियों के लोग शामिल नहीं होंगे. उन्होंने आरक्षण की समीक्षा करने, 18 जातियों को कम से कम दस प्रतिशत आरक्षण देने, हरियाणा की तरह बिहार में भी आरक्षण का वर्गीकरण करने की मांग की. बिहार सरकार के मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने कहा कि हम किसी का विरोध नहीं करते. लेकिन, वह वंचितों के लिए सुविधाओं की वकालत करते हैं। जीतन राम मांझी के नेतृत्व में वंचित वर्ग को आगे बढ़ना चाहिए.