Sunday, November 3, 2024

Shani Pradosh Vrat: आज है शनि प्रदोष व्रत, जानिए व्रत का महत्व और पूजा विधि

पटना। आज सावन मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि, विशेषकर शनिवार को पड़ती है, हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन को शनि प्रदोष व्रत के रूप में मनाया जाता है। शनि देव को समर्पित यह व्रत, न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए, इस जानते है शनि प्रदोष व्रत का महत्व और पूजा विधि

व्रत का महत्व

शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। इस व्रत को रखने से शनि देव अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते है। वह व्रत रखने वालों पर सदैव अपने कृपा बनाए रखते है। हिंदू में भगवान शनि को कर्मफल दाता माना जाता है। शनि प्रदोष के व्रत के जरिए भक्त अपने पिछले जन्मों के बुरे कर्मों का प्रायश्चित करते हैं। पिछले जन्म में किए हुए बुरे कर्मों को व्रत करने के माध्यम से कम कर सकते है। प्रदोष व्रत करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने वाले व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है।

व्रत की पूजा विधि

व्रत रखने के लिए सभी काम को जल्दी से निपटा कर स्नान कर लेना चाहिए। स्नान करने के बाद भगवान शनि की विधि-विधान के साथ पूजा करनी चाहिए। शनि देव को तेल अर्पित करना चाहिए। तेल के साथ ही काले तिल के दाने भी अर्पित करने चाहिए। शनि देव के सामने तेल का दीपक जलाना चाहिए। शनि देव के मंत्र का जाप करना चाहिए। गरीब और जरूरमंद को दान करना चाहिए।

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