पटना। बिहार की नीतीश सरकार ने मौलिक अधिकार के शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सभी निजी स्कूलों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। फिलहाल 20000 निजी स्कूलों ने आवेदन किया है, लेकिन 8000 स्कूलों ने अब तक आवेदन नहीं किया है। यह संख्या राज्य में मौजूद 40 हजार निजी स्कूलों से काफी कम है।
अधिकारियों को कार्रवाई के आदेश
इस लापरवाही को देखते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने सभी जिलों के अधिकारियों को कार्रवाई करने का आदेश दिया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र का कहना है कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सभी प्राइवेट स्कूलों का पंजीकरण अनिवार्य है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मुताबिक निजी विद्यालयों की पंजीकरण लेना अनिवार्य है। इस अधिनियम में यह प्रविधान है कि कोई भी विद्यालय जो निर्धारित मानक धारित करता हो, सक्षम प्राधिकार से पंजीकरण का प्रमाण पत्र लिए बिना निजी स्कूलों को स्थापित या संचालित नहीं करेगा।
आवेदन न करने पर लगेगा जुर्माना
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस नियम का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, नियम तोड़ने वाले स्कूल अगर निर्धारित तिथि के बाद भी जारी रहे, तो उन्हें हर दिन के हिसाब से 10 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। जानकारी के मुताबिक प्रदेश में फिलहाल 11,192 निजी स्कूलों को मान्यता मिल चुकी है। जिन स्कूलों ने अब तक आवेदन नहीं किया है, उनकी सूची सभी जिलों से मांगी गई है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) ऐसे स्कूलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।