Monday, September 16, 2024

इंडिया न्यूज़ के मंच पर पप्पू यादव ने अपने चुनावी जीत समेत कई बातों का किया खुलासा

पटना : इंडिया न्यूज मंच, नवगठित एनडीए सरकार द्वारा पेश किए गए नए बजट से लेकर देश के सामने आने वाले हालिए मुद्दे से लेकर भविष्य की योजनाओं तक, वर्तमान समय के प्रमुख मुद्दों पर उच्च स्तरीय चर्चा का एक मंच है। आज सोमवार को इस मंच के माध्यम से पूर्णिया से सांसद बने पप्पू यादव ने कई सियासी मुद्दों को लेकर बात की।

पूर्णिया में सब फेल पप्पू यादव पास

इस दौरान इंडिया न्यूज़ के मंच से पप्पू यादव द्वारा कहा गया राहुल गांधी के पीएम बनने को लेकर सवाल किए गए। मंच पर जब इंडिया न्यूज़ की एंकर अनन्या ने पप्पू यादव से कहा कि लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन व अन्य दलों की तरफ से पूर्णिया को लेकर खूब कैम्पेन हुए लेकिन सब फेल हो गए लेकिन पप्पू यादव पास हो गए। इस पर पप्पू यादव ने कहा कि राजनीति हमारे जैसे लोगों के लिए बड़ा डिफरेंट है। मधेपुरा का नाम लेते हुए कहा कि वहां हमारा घर है वहां कास्ट सिस्टम बहुत है, पूर्णिया में इतना नहीं है। एमपी का चुनाव काफी टफ होता है जैसे बच्चों के लिए इंग्लिश, साइंस, मैथेमेटिक्स बहुत टफ है, बच्चे पढ़ने से भागते हैं। इस दौरान उन्होंने पॉलिटिक्स का जिक्र करते हुए आगे कहा कि साइंस प्लस मैथ्स प्लस इंग्लिश इकवल टू पॉलिटिक्स।

पॉलिटिक्स को लेकर बताया

इस मंच पर उन्होंने कहा कि पॉलिटिक्स जात-पात, हिन्दू मुसलमान करने वालों के लिए बहुत टफ नहीं है, लेकिन जिनके लिए कास्ट के लिए हिन्दू, मुसलमान नहीं है, पॉलिटिक्स में मनी का प्रवेश होना, पॉलिटिक्स में कास्ट के ताकतवर आदमी का प्रवेश होना और पॉलिटिक्स एक विभाजनकारी लाइन हो गया है, उसमे पप्पू यादव मानते है कि अब इंडिपेंडेंट चुनाव हो। हिंदी पट्टी राज्यों में यह दिक्कत बहुत है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम कोरोना समय में भी 24*7 लोगों की मदद के लिए खड़े रहे।

काले धन व नोटबंदी पर क्या बोले?

इंडिया न्यूज़ के मंच पर पप्पू यादव ने नोटबंदी व काले धन को लेकर कहा कि काले धन के लिए भारत जैसी देश में इकॉनमी हमारा सस्टेन करें, वहां नोटबंदी जैसी चीजें कभी सफल नहीं होगा। इस कड़ी में उन्होंने कहा कि भारत की इकॉनमी का डेमोक्रेटिक वे है। आगे कहा भी हमारा जो इकॉनमी है वो सेंट्रलाइज़्ड है। इस दौरान कहा कि हमारी इकॉनमी किसी पूंजी पतियों के कारण नहीं है। 1.3 फीसदी टैक्स पूंजीपति देते है। लगभग 93.4 फीसदी जो टैक्स है वो गरीब लोग, किसान मिडिल क्लास, मध्यवर्गीय व्यापारी वो देते हैं। लेकिन सारी सुविद्यांए 1.3 फीसदी वाले लेते है।

कोरोना काल का किया जिक्र

कोरोना काल का नाम लेते हुए बताया कि उस समय में भी हम बिना मास्क लोगों के बीच खड़े रहे, बूस्टर डोज के दौरान भी एक बार भी मास्क नहीं लगाएं। ग्लव्स नहीं पहनी और नौ माह तक रोड पर लोगों की मदद के लिए उतरे रहे। इस दौरान आगे कहा कि सुविधाभोगी राजनीति करने वाले जो लोग है वो हमेशा बहाना खोजते है, बच्चों की तरह। इस बीच उन्होंने सो कॉल इंटेलेक्टुअल लोगों का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे लोग आमआदमी की परेशानियों से भागते है। इस दौरान नीट और पेपर लीक को लेकर भी कई खुलासे किए।

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