Chirag Paswan: चिराग पासवान ने बजट में बिहार के प्रति केंद्र की मेहरबानी की बताई बड़ी वजह

पटना : आज मंगलवार (23 जुलाई) को दिल्ली स्थित संसद भवन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश किया हैं। यह मोदी 3.0 सरकार का पहला केंद्रीय बजट है। ऐसे में केंद्रीय बजट के बाद बिहार को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है। इस बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने […]

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Chirag Paswan: चिराग पासवान ने बजट में बिहार के प्रति केंद्र की मेहरबानी की बताई बड़ी वजह

Shivangi Shandilya

  • July 23, 2024 11:49 am IST, Updated 5 months ago

पटना : आज मंगलवार (23 जुलाई) को दिल्ली स्थित संसद भवन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश किया हैं। यह मोदी 3.0 सरकार का पहला केंद्रीय बजट है। ऐसे में केंद्रीय बजट के बाद बिहार को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है। इस बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि बजट सबके विश्वास से विकसित भारत के संकल्प को साकार करने वाला है। प्रधानमंत्री की बिहार और बिहारवासियों के प्रति विशेष प्रतिबद्धता का निष्कर्ष यह है कि इस बजट में बिहार के ‘विकसित बिहार-समृद्ध बिहार’ के सपने को पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण सिद्धांतों की घोषणा की गई है।

आम बजट अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट

चिराग ने आगे कहा कि मैं देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मैं और मेरी लोजपा पार्टी इस समावेशी बजट का स्वागत करती है। इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि 2024-25 का यह आम बजट अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है। यह ‘बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट’ की सोच को प्राथमिकता के आधार पर आंकने वाला बजट है। यह देश को विकास और प्रगति के पथ पर ले जाने वाला बजट है। देशवासियों के सपनों को पूरा करने और विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने का नींव इस बजट में रखा गया है। यह बजट भारत की आर्थिक समृद्धि को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस बजट में गरीब, युवा, किसान, मध्यम वर्ग, महिला शक्ति समेत अन्य वर्ग भी सभी शामिल हैं।

चिराग ने विपक्ष को याद कराया UPA सरकार की बात

इस दौरान विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला है, ये वही विपक्ष के लोग हैं, जिनकी सरकार में, UPA की सरकार में नीति आयोग में इस तरह के प्रावधान किए गए थे, जिसके बाद किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिलना लगभग नामुमकीन हो गया था. बहरहाल, हमारी मांग थी कि जब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलता हमें विशेष पैकेज दिया जाए.

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