पटना। बिहार में इन दिनों लगातार धड़ाधड़ पुलों के गिरने की घटनाएं सामने आ रही है। 15 दिनों के अंदर अररिया,सीवान, छपरा, मोतिहारी समेत कई जिलों में 10 पुल टूट चुकें है। जिसे लेकर काफी राजनीति हो रही है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के हमले के बाद बीजेपी प्रवक्ता की भी टिप्पणी आ चुकी हैं।
पुलों के रखरखाव में आई कमी
टिप्पणी के बाद भी राजधानी पटना में ही पुलों का रखरखाव बेहतर ढंग से नहीं हो पा रहा है। पटना में आरडब्लूडी और आरसीडी के पुल- पुलियों और क्लवर्ट की संख्या 3389 हैं, लेकिन इसे रखरखाव को लेकर क्या करना चाहिए। इसके लिए कोई नीति नहीं है। यानी पटना में पुलों का रख-रखाव भगवान के भरोसे है।पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन जो पुल है उसकी देखभाल 5 वर्षों तक निर्माण एजेंसी को करनी है, लेकिन इसके बाद पुलों की मरम्मत कैसे होगी इसके लिए अभी कोई नीति निर्धारित नहीं है।
पुलों के रख-रखाव के लिए कोई निर्देश न होना
इस कारण से पुलों को सही देखभाल नहीं हो पा रही है। संबंधित विभाग के अभियंता पुलों का निरीक्षण करते हैं। जहां आवश्यकता होती है वहां मरम्मत भी करते है। इस तरह पुलों की मरम्मत भी कराई जाती है। पटना जिले में ग्रामीण कार्य विभाग के 2781 छोटे-बड़े पुल है। आरडब्लूडी और आरसीडी के अभियंता भौतिक सत्यापन के आधार पर आवश्यकता के मुताबिक पुलों की मरम्मत करवाते है। आरडब्लूडी के अधीन जो पुल सड़क के साथ बना होता है। लेकिन जहां पर केवल पुल बना है वहां रख-रखाव को लेकर कोई निर्देश नहीं है।