Saturday, July 27, 2024

Bihar News: बुद्ध पूर्णिमा की सुबह से ही लगा दान-स्नान का मुहूर्त

पटना। आज वैशाख माह की पूर्णिमा है। इसे बुद्ध पूर्णिमा(Budh purnima) के नाम से जाना जाता है। भगवान की कृपा पाने वाले लोगों के लिए आज का दिन खास रहेंगा। ज्योतिष में बुद्ध पूर्णिमा का खास महत्व होता है। कहा जाता है कि आज के दिन चंद्रमा से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। भारतीय पंचाग के अनुसार वैशाख साल का दूसरा महीना होता है। बुद्ध पूर्णिमा(Budh purnima) का दिन पूजा-पाठ के लिए शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन भगवान का ध्यान और उनकी भक्ति व पूजा-पाठ करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व

वैशाखी पूर्णिमा के दिन ही श्री हरि ने कच्छप का रूप लिया था। आज के ही दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था।बुद्ध पूर्णिमा(Budh purnima) के दिन बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। इसके साथ निर्वाण की भी प्राप्ति हुई थी। वैशाखी पूर्णिमा के दिन अराधना एवं दान-पून्य करने से भगवान विष्णु विशेष की कृपा बनी रहती है। चंद्रमा मजबूत होता है। जीवन की सभी परेशानी दूर होती है। आज के ही दिन भगवान विष्णु के अलावा शिव जी की पूजा करने से शरीर के सभी रोगों से छुटकारा मिलता है। इसी दिन शिवालयों में भगवान शिव को जल से मग्न किया जाता है।

बुद्ध पूर्णिमा की पूजन विधि


आज के ही दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भगवान की असीम कृपा भक्तों पर बनी रहती है। भगवाम विष्णु के समक्ष घी का दीया जलाएं। भगवान को फल व मिठाई का भोग लगाए। फूल अर्पित करें। विष्णु जी का सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करे।

बुद्ध पूर्णिमा की दान-स्नान विधि


बुद्ध पूर्णिमा(Budh purnima) के दिन सुबह-सुबह उठकर सबसे पहले उठकर स्नान करे। जल को सिर पर लगाकर पहले प्रणाम करें। स्नान करने के बाद सुर्य को अर्घ्य दे। साफ व सफेद कपड़े पहने। फिर मंत्रों का जाप करे। मंत्र जाप के पश्चात सफेद वस्तुओं व जल का दान करें। हो सके तो इस दिन उपवास कर ले। जिसमें केवल फल व जल को ग्रहण को ग्रहण करे। आज के दिन गरीबों और जरुरतमंदों को अपने अनुसार दान करे।

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