पटना। लोकसभा चुनाव में कुछ ही समय बचा है लेकिन उससे पहले ही राजद सुप्रीमो लालू यादव को बड़ा झटका (Bihar Politics) लगा है। दरअसल, बुधवार को लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
राजद की नीति से सहमत नहीं
देवेंद्र प्रसाद यादव ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद को पत्र लिखते हुए कहा कि राजद की नीति से वो सहमत नहीं रह गए हैं। उन्होने कहा कि पार्टी में केवल राज के लिए नीति चल(Bihar Politics) रही है। जबकि राज तथा नीति में सामंजस्य आवश्यक है। सिद्धांत के बिना राजनीति आत्मा के बिना शरीर की तरह है। बताया जा रहा है वो झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के पूर्व विधान पार्षद सुमन महासेठ को महागठबंधन का प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज हैं।
इस्तीफा देने की वजह
राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने पत्र में कहा कि झंझारपुर से यदि किसी समाजवादी विचारधारा वाले कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाया जाता तो जीत आसानी से मिल सकती थी। सिर्फ झंझारपुर ही नहीं बल्कि छह-सात अन्य लोकसभा सीटों पर भी प्रत्याशियों का आयात किया गया। इन सभी लोकसभा सीटों पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रत्याशी बनाया जाता तो उनको कोई शिकायत नहीं होती। देवेंद्र प्रसाद यादव ने आगे कहा कि अपने कार्यकर्ताओं के बदले सांप्रदायिक सोच वाले किसी व्यक्ति को झंझारपुर से प्रत्याशी बनाने की घटना से वो बुरी तरह आहत हुए हैं।
पांच बार के सांसद रह चुके हैं
गौरतलब है कि देवेंद्र प्रसाद यादव झंझारपुर लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि झंझारपुर समाजवादियों की धरती है। इस धरती की सांप्रदायिक ताकतों के हाथों नीलामी वो बर्दाश्त नहीं कर सकते। देवेंद्र प्रसाद यादव ने लालू को लिखे पत्र में कहा कि मैं अपनी राजनीति कर्म और जन्म भूमि तथा झंझारपुर की समाजवादी धरती के साथ छल नहीं कर सकता।
ये भी पढ़ें- सारण से चुनाव प्रचार शुरू कर रहे लालू यादव, तेजस्वी ने बताया पूरा प्लान