Wednesday, September 25, 2024

बिहार में ‘नीतीश मॉडल’ नहीं, यूपी मॉडल’ से शासन चलाएंगे सम्राट-विजय! क्राइम कंट्रोल होगी फर्स्ट प्रायोरिटी

Yogi model in Bihar: बिहार में नीतीश कुमार के साथ मिलकर एक बार फिर से भाजपा ने सरकार बनाई है। भारतीय जनता पार्टी ने इस बार अपने दो मजबूत नेताओं सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया है। गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने साफ संकेत दिए हैं कि वे बिहार में भी पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ वाला मॉडल लागू करेंगे।

अमित शाह से लिया मूल मंत्र

बीजेपी के रणनीतिकार और गृह मंत्री अमित शाह से सत्ता का मूल मंत्र लेकर लौटे डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी के हुंकार से एक बात तो साफ हो गई कि अपराधियों की खैर नहीं। वैसे भी जब बीजेपी विपक्ष में थी तो ध्वस्त कानून व्यवस्था के साथ बालू और शराब माफियों के आतंक के मुद्दे सदन से सड़क तक उठाते रही थी। अब सत्ता की डोर थामते भाजपा पार्टी ने जनता से किए वादे को पूरा करने को राह तलाशनी शुरू कर दी है।

माफियाओं की खैर नहीं

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने माफियाओं पर कार्रवाई के संकेत देते हुए साफ तौर से कहा कि सबका इलाज होगा। शराब माफिया, बालू माफिया से जुड़े एक-एक व्यक्ति की जांच होगी। पुलिस अब माफियाओं के हमले का शिकार नहीं होगी। इतनी सख्त व्यवस्था की जाएगी कि या तो माफिया पलायन करेंगे या फिर सरेंडर करना होगा। यह सरकार बिहार की जनता को लूट रहे ठेकेदारों और माफियाओं से मुक्ति दिलाएगी। दरअसल, बीजेपी 2020 के चुनाव के दौरान राज्य की जनता से जो कमिटमेंट किया था उसे यह सरकार पूरा करेगी। रोजगार के साथ साथ बिहार में कानून का राज स्थापित होगा।

नहीं डरगे धमकियों से : विजय सिन्हा

डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने तेजस्वी की सरकार गिराने की धमकी पर कहा कि वह पहले अपने गठबंधन को बिखरने से रोकें। I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल कांग्रेस का हाल यह हो गया है कि बिहार के कांग्रेस विधायकों को दिल्ली बुला लिया है। हद तो यह है कि बिहार में पूर्ण बहुमत से NDA की सरकार बनने के बाद भी कांग्रेस में लोग डरे हुए हैं। हकीकत यह है कि-उन्हें अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है। वे अपने विधायकों को बंधुआ मजदूर समझते हैं। वे विधायकों का अपमान करते हैं। कांग्रेस को इस सोच से मुक्त होना चाहिए कि विधायक एक बंधुआ मजदूर नहीं है। विधायक जनता का फैसला लाते हैं। और उन्हें अपना निर्णय स्वयं लेने में सक्षम होना चाहिए।

बिहार में क्यों यूपी मॉडल?

यूपी और बिहार का सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक चेहरा काफी सामान है। योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से सम्पूर्ण विपक्ष के विरुद्ध भाजपा को लगभग शीर्ष पर पहुंचाया उसका असर बिहार में भी पड़ा हैं और सबसे ज्यादा अगर योगी आदित्यनाथ की चर्चा हुई तो वह था अपराधियों पर नकेल कसा जाना और सनातन धर्म के साथ खुलकर खड़ा रहना। राजनीति की इस स्पष्ट धारणा ने बिहार में BJP को भी प्रभावित किया है। बीजेपी की ओर से कराए गए अंदरूनी सर्वे में भी यह बात सामने आई कि बिहार की जनता भ्रष्टाचार और अपराध से त्रस्त है। बिहार की जनता पार्टियों में यह तस्वीर देखना चाहती है कि वह तमाम माफियाओं के विरुद्ध कैसे खड़ी होती है। इसके साथ ही राम मंदिर का निर्माण की जरूरत पर भी बहुसंख्यक जनता की हां मिली है। इसलिए BJP अपना चेहरा लोकसभा चुनाव के समय इस झलक पर परोसना भी चाहती है। इसलिए बीजेपी पहले अपनी वाणी से कानून व्यवस्था के सुधरे हालत को लेकर जनता को संतुष्ट करना चाहती है और फिर एनडीए सरकार की कार्रवाई से भी।

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