Wednesday, September 25, 2024

बजट में टैक्स शब्द 42 बार… लेकिन आम आदमी को नहीं मिली राहत

पटना। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सबसे ज्यादा टैक्स शब्द का प्रयोग किया लेकिन जब मिडिल क्लास को टैक्स के नाम पर राहत देने की बात आई तो उन्होंने परंपरा का पालन करते हुए अंतरिम बजट में टैक्स रिलीफ की कोई घोषणा नहीं की।

निर्मला सीतारमण ने पेश किया अंतरिम बजट

चुनावी साल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश कर दिया है। इस बजट में बड़ी बड़ी घोषणाएं नहीं है और न ही टैक्स रिलीफ का इतंजार कर रहे मिडिल क्लास के लिए कोई नई घोषणा है। लेकिन वित्त मंत्री ने पिछले 10 सालों में सरकार के काम-काज का ब्योरा पेश किया है और उपलब्धियों की चर्चा जरूर की है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब सरकार का फोकस 2047 तक देश को विकसित बनाना है। इसके साथ ही उन्होंने जुलाई में आने वाले बजट के लिए बहुत कुछ इशारा किया है।

टैक्स शब्द का 42 बार किया इस्तेमाल

इस अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 42 बार टैक्स शब्द का यूज किया, लेकिन जब मिडिल क्लास को टैक्स के नाम पर राहत देने की बात आई तो उन्होंने परंपरा का पालन करते हुए अंतरिम बजट में टैक्स रिलीफ की कोई बात नहीं की. इसका मतलब साफ है कि अगर सरकार को टैक्स में राहत देना है तो उसके लिए मिडिल क्लास को जुलाई 2024 तक इंतजार करना होगा। अगर आम चुनाव के बाद देश में फिर से नरेंद्र मोदी की सरकार बनती है तो ये सरकार आगामी जुलाई में पेश किए जाने वाले पूर्ण बजट में इसकी घोषणा कर सकती है।

विकसित भारत का मिशन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बताया कि सरकार का उद्देश्य है सभी समुदायों और जातियों को विकसित करना और 2047 तक भारत को ‘विकसित भारत’ बनाना है। इसके लिए सरकार ने कई क्षेत्रों में कदम उठाने का ऐलान किया है जिसमें विज्ञान और तकनीक, कौशल विकास और कृषि समेत अन्य कई क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

पेपर लेस बजट

आजादी से पहले और आजादी के कई सालों बाद तक BUDGET के दस्‍तावेजों को रखने के लिए लैदर के बैग या ब्रीफकेस का इस्‍तेमाल किया जाता रहा। लेकिन वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस रिकॉर्ड को ब्रेक किया। कोविड-19 महामारी आने के बाद वर्ष 2021-22 का बजट पेपरलेस यानी कागज-रहित पेश किया। पेपरलेस बजट पेश करने का रिकॉर्ड भी मौजूदा वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम दर्ज है।

लखपति दीदी की संख्या को बढ़ाना

सरकार ने उदार लक्ष्य रखा है, जिसमें लखपति दीदी की संख्या को 2 करोड़ से 3 करोड़ तक बढ़ाना शामिल है। इस लक्ष्य के माध्यम से सरकार आर्थिक स्वावलंबन को बढ़ाने का प्रयास कर रही है, जिससे ज्यादा महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकें। लखपति दीदी की संख्या में वृद्धि से सामाजिक और आर्थिक समानता की दिशा में कदम बढ़ाना है, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं समृद्धि का हिस्सा बन सकें।

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