पटना। आज कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा नदी में स्नान करने के लिए बड़हरा प्रखंड के कई घाटों पर श्रद्धालुओ की भीड़ लगी हुई है। इस दौरान मुंडन संस्कार को लेकर घर की महिलाओं का मांगलिक गीत गाते हुए गंगा नदी के घाटों पर पहुंचने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हर वर्ष महुली, सिन्हा, बलुआ, बबुरा तथा बिंदगावा स्थित संगम स्थल पर स्नान के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। यहां भीड़ प्रबंधन पर जिला प्रशासन की विशेष नजर है साथ ही विधि-व्यवस्था एवं सुचारू यातायात भी प्रशासन की प्राथमिकता बनी हुई है।
दीप दान का विशेष महत्तव
दरअसल, इस दिन महुली, सिन्हा व केशवपुर में मेला लगता है। मेला से श्रद्धालु जलेबी, पटउरा आदी मिठाई के साथ अपनी जरूरती के समानों का खरीदारी भी करते हैं। यह मान्यता है कि जो व्यक्ति पूरे वर्ष गंगा स्नान से वंचित रहते हैं, वे सिर्फ कार्तिक शुक्लपक्ष की देवोत्थान एकादशी से लगातार पांच दिनों तक कार्तिक पूर्णिमा के दिन तक गंगा स्नान कर लें, तो उस वर्ष के पर्यााप्त पुण्य का लाभ उन्हें मिलता है। इस दिन गंगा नदी में दीप दान का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन श्रद्धालु गंगा नदी में दीप जला कर निर्मल धाराओ में प्रवाहित करते हैं। इस दौरान भीड़ वाले स्थानों पर कई गोताखोर भी मौजूद रहते हैं।
घाटों पर सुरक्षा का इंतजाम
गंगा स्नान के लिए प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गई हैं। इसे लेकर बड़हरा सीओ मो. नोमान ने बताया कि प्रखंड के सभी घाटों की जांच करने के बाद बलुआ, केशोपुर, महुली, सिन्हा, बबुरा गंगा नदी के घाटों पर गोताखोरों को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। इन स्थानों पर मेला समिति के द्वारा गंगा नदी में बैरिकेडिंग की गई है। वहीं अंचल कार्यालय के अलावा दूसरे विभाग के पदाधिकारियों व कर्मचारियों की इस दिन प्रतिनियुक्ति की गई है। गंगा स्नान करने आए श्राद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर नजर रखी जा रही है।
यातायात की व्यवस्था
यही नहीं कार्तिक पूर्णिमा के दौरान भीड़ प्रबंधन पर जिला प्रशासन द्वारा विशेष नजर रखी जा रही है। इस समय विधि-व्यवस्था एवं सुचारू रुप से चलने वाला यातायात भी प्रशासन की प्राथमिकता है। इसको लेकर डीएम डा. चंद्रशेखर सिंह एवं एसएसपी राजीव मिश्रा ने गंगा घाट के 172 स्थानों पर दंडाधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है। इसके साथ ही डीएम-एसएसपी ने सभी अधिकारियों को संयुक्त आदेश के निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है। ऐसे में वो सौजन्यता एवं विनम्रता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे।
पार्किंग में भी तैनाती
इसके अलावा संयुक्त जिलादेश के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर त्रुटिहीन आपदा प्रबंधन एवं विधि-व्यवस्था संधारण के लिए प्रशासन पूर्णतः प्रतिबद्ध है। यहां पटना सदर अनुमंडल में 29, पटना सिटी में 97, बाढ़ अनुमंडल में 35 तथा दानापुर अनुमंडल में 11 स्थानों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी तैनात किए गए हैं। वहीं सात महत्वपूर्ण पार्किंग स्थलों कलेक्ट्रेट घाट, कुर्जी घाट, बांस घाट, गेट नंबर 93 घाट के पास, गेट नंबर 88 घाट के नज़दीक, गाय घाट हथिया बगान एवं गायघाट लोहा गोदाम स्थलों पर दंडाधिकारी-पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगी है। इनके साथ लाठी बल, सशस्त्र बल एवं महिला बल भी तैनात हैं।
गंगा नदी में गश्ती के लिए भी तैनाती
बताया जा रहा है कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं सिविल डिफेंस की प्रतिनियुक्ति की गयी है। पेट्रोलिंग के लिए मोटरबोट भी है। यहां गश्ती दल यह तय करेंगे कि नदी में कोई नाव अनधिकृत रूप से न चले। जिसके लिए सभी पदाधिकारी संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील स्थानों पर सतर्कता बरतेंगे। इस दौरान गंगा नदी में गश्ती के लिए दो पालियों में आठ दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया। जिला नियंत्रण कक्ष में तीन पालियों में 34 दंडाधिकारियों को सुरक्षित रखा गया है। इसके साथ ही गांधी घाट नियंत्रण कक्ष में छह सुरक्षित दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति है।
तत्काल स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा व्यवस्था
यही नहीं बड़े-बड़े घाटों पर अस्थायी नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है। इसे लेकर डीएम-एसएसपी का कहना है कि पूर्णिमा के दिन काफी संख्या में लोग गंगा स्नान के लिए आते हैं। इसलिए पूरी चौकसी बरतनी होगी। इस बीच आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ एवं आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं के साथ एंंबुलेंस की व्यवस्था भी देखने को मिली है। जिसमें दो एंबुलेंस जिला नियंत्रण कक्ष एवं एक-एक एम्बुलेंस पटना सिटी तथा दानापुर अनुमंडल में तैनात हैं। इसके साथ ही पीएमसीएच, एनएमसीएच, गुरु गोविन्द सिंह अस्पताल, पटना सिटी तथा अन्य प्रमुख अस्पतालों में 24 घंटे आपातकालीन चिकित्सा की व्यवस्था रहेगी। घाटों पर प्रकाश, पेयजल, फायर ब्रिगेड की व्यवस्था भी की गई है।