Bihar Reservation: महागठबंधन की आरक्षण मुहिम को बड़ा झटका, पटना हाईकोर्ट में दायर याचिका

पटना। महागठबंधन के द्वारा क्षेणी गई आरक्षण की मुहिम को बड़ा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि इसे लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका की कॉपी को एडवोकेट जनरल के पास भेजी गई है। दरअसल, बिहार में 65% आरक्षण को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस […]

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Bihar Reservation: महागठबंधन की आरक्षण मुहिम को बड़ा झटका, पटना हाईकोर्ट में दायर याचिका

Nidhi Kushwaha

  • November 27, 2023 11:25 am IST, Updated 1 year ago

पटना। महागठबंधन के द्वारा क्षेणी गई आरक्षण की मुहिम को बड़ा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि इसे लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका की कॉपी को एडवोकेट जनरल के पास भेजी गई है। दरअसल, बिहार में 65% आरक्षण को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस दौरान याचिकाकर्ता ने दलीलें दी हैं कि ये मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। बता दें कि जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद बिहार सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया। जिसके बाद इसे लेकर विधेयक सर्वसम्मति से विधानसभा में पास करा लिया।

याचिकाकर्ताओं की दलील

वहीं जानकारी के अनुसार ये जनहित याचिका गौरव कुमार व नमन श्रेष्ठ द्वारा दायर की गई है। इस याचिका की एक कॉपी बिहार के महाधिवक्ता पीके शाही के ऑफिस में भी भेजी गई। जिसके अंतर्गत याचिकाकर्ता ने इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। इस बीच याचिकाकर्ता ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि ये मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई थी न कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था। इन दलीलों के अनुसार 2023 का जो संशोधित अधिनियम बिहार सरकार ने पारित किया है, वह भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।

शीतकालीन सत्र में पारित हुआ बिल

दरअसल, बिहार सरकार ने सरकारी नौकरी और स्कूल संस्थानों में पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित और महादलित को मिलने वाले आरक्षण को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा बिहार में कुल आरक्षण का दायरा 75 फीसदी पहुंच चुका है। इसमें अगड़ी जातियों में से आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने की सीमा है। जबकि बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में विधानसभा और विधानपरिषद से सर्वसम्मति से आरक्षण संसोधन बिल 2023 पारित हुआ। इस बिल को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। जहां राज्यपाल ने इसको मंजूरी दे दी है और यह लागू हो गया है।

सीएम नीतीश ने किया था ऐलान

गौरतलब है कि बिहार सरकार ने खुद से राज्य में जाति आधारित जनगणना करवाई थी। इसके साथ ही सरकार ने आर्थिक सर्वे भी कराया। बिहार सरकार ने इसकी रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया। जहां चर्चा के दौरान सीएम नीतीश ने आरक्षण के मौजूदा दायरा को बढ़ाने का ऐलान किया था। जिसके लिए सीएम नीतीश ने आरक्षित वर्ग की जनसंख्या और उसकी आर्थिक स्थिति को आधार बनाया।

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