Thursday, September 19, 2024

Lok Sabha Elections 2024: नीतीश कुमार की पार्टी यूपी में लड़ सकती है लोकसभा चुनाव

पटना। लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। इस बीच अब ये भी ख़बर आ रही है कि ‘इंडिया’ गठबंधन में सभी दलों को एकजुट करने वाले नीतीश कुमार की पार्टी कुछ सीटों से यूपी में भी चुनाव लड़ सकती है। बता दें कि सोमवार को एक कार्यक्रम में जेडीयू नेता और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 80 संसदीय क्षेत्र हैं। सभी लोगों से मिलकर यह तय करेंगे कि क्या करना है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर कुछ सीटों पर बात बनी तो जेडीयू उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ सकती है।

जेडीयू कार्यकर्ता भी लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

इतना ही नहीं जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि कोई भी पार्टी अपने राष्ट्रीय विस्तार के लिए किसी भी राज्य में अपने संगठन का विस्तार करती है। मैं असम का प्रभारी हूं और वहां के जेडीयू कार्यकर्ता भी कुछ सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। यह एक संगठन विस्तार की प्रक्रिया है इसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है। उत्तर प्रदेश में कुछ भी तय होगा तो वहां की सबसे प्रभावशाली पार्टी समाजवादी पार्टी है जो इंडिया गठबंधन में शामिल है। कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और सभी राज्यों में उसका प्रभाव है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस का प्रभाव है। इसलिए यह सभी से मिलकर तय किया जाएगा।

नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को किया एकजुट

जेडीयू नेता ने आगे कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने के साथ ही नीतीश कुमार सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुट गए थे। इसका असर हुआ कि पटना से मुंबई तक बैठक हुई थी। उन्होंने कहा कि इसमें वह पार्टियां भी एकजुट हुई थी जिनकी सहमति नहीं बन पा रही थी। वहीं कुछ विसंगतिया थीं, लेकिन सभी लोग साथ हो गए और इसका असर भी दिखा कि बीजेपी को ‘इंडिया’ नाम से डर लगने लगा। राजीव रंजन ने कहा कि जहां तक बात नीतीश कुमार के संयोजक बनने की है तो नीतीश कुमार ने कभी भी संयोजक बनने की इच्छा नहीं जताई है।

जेडीयू पर हमलावर हुई बीजेपी

बता दें कि राजीव रंजन के इस बयान पर बीजेपी ने हमला किया है। बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि जेडीयू प्रवक्ता के बयान से उनका दर्द झलक रहा है। राजीव रंजन ने कहा कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में संयोजक नहीं बनना चाहते हैं, यह हास्यास्पद है। कांग्रेस नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं करती है। कांग्रेस के मुखर विरोध के कारण वे संयोजक नहीं बने। प्रभाकर मिश्रा ने आगे कहा कि कांग्रेस क्षेत्रीय पार्टियों को बढ़ते देखना नहीं चाहती है। इसका उदाहरण है कि मध्य प्रदेश के चुनाव में जेडीयू कांग्रेस के पास गई, लेकिन कांग्रेस ने भाव नहीं दिया तो जेडीयू अकेले मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ रही है। घमंडिया गठबंधन के नेताओं के अक्ल पर पर्दा पड़ा है। उन्हें वास्तविकता नज़र नहीं आ रही है, लेकिन राजीव रंजन का दर्द झलकना भी जायज है क्योंकि उनके नेता से दिल्ली दूर हो गई और उनका सपना चकनाचूर हो गया।

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