पटना। देशभर में अगले साल लोकसभा चुनाव होले वाले हैं। इसे लेकर सभी राजनीतिक दल जोरों-शोरों से अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा गहमागहमी बिहार में देखने को मिल रही है। पूरे प्रदेश में दल-बदल और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। वहीं इस वक्त सबसे ज्यादा फोकस में अगर कोई है तो वह हैं बाहुबली नेता आनंद मोहन।
नीतीश के संपर्क में हैं आनंद मोहन
बताया जा रहा है कि जेल से निकलने के बाद आनंद मोहन एक बार फिर से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करना चाहते हैं। बता दें कि आरजेडी से नाराज चल रहे आनंद मोहन अब नीतीश कुमार के संपर्क मे हैं। यही नहीं सीएम नीतीश कुमार भी दिल खोलकर उनका स्वागत करते दिखाई दे रहे हैं। सीएम नीतीश भले ही कांग्रेस के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे हों लेकिन वह पूर्व सांसद आनंद मोहन के कार्यक्रम में जरुर शामिल हुए।
आनंद मोहन के गांव पहुंचे थे सीएम
गौरतलब है कि शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार पूर्व सांसद आनंद मोहन के गांव पंचगछिया पहुंचे थे। यहां सीएम नीतीश ने आनंद मोहन के दादा एंव स्वतंत्रता सेनानी रहे राम बहादुर सिंह और चाचा पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी की मूर्ति का अनावरण किया। यहां सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जो भी राजनीति करना है करते रहिए, लेकिन हमारा रिश्ता दूसरा है, इसलिए हम अपना रिश्ता बनाके रखे हैं। आपका जो मन करे कीजिए। इस दौरान सीएम ने यह भी कहा कि आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद, वैशाली लोकसभा से 1994 से 1996 तक सांसद रहीं थीं। उस वक्त हम लोगों ने इनका समर्थन किया था और वो जीत गई थीं। सीएम ने कहा कि 1995 से हम लोग साथ आ गए थे। जिसके बाद हमलोग अलग होकर आंदोलन चला रहे थे, लेकिन यहां की समस्या की बात भी कर रहे थे।
आनंद मोहन के जेडीयू में जाने की चर्चाएं
बता दें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन के जेडीयू ज्वाइन करने के भी काफी कयास लगाए जा रहे थे। यह अनुमान लगाया जा रहा था कि दिवाली के आसपास यह फेरबदल देखने को मिल सकता है। हालांकि, कुछ दिनों पहले ही आनंद मोहन के बेटे अंशुमान आनंद ने इन कयासों के दौर पर फुलस्टॉप लगा दिया था। उन्होंने कहा था कि मेरे भाई (चेतन आनंद) राजद से विधायक हैं और वो राजद में ही रहेंगे और साथ ही मां लवली आनंद भी राजद में ही रहेंगी। दूसरी तरफ आनंद मोहन ने जिस तरह से आरजेडी सांसद मनोज झा के खिलाफ मोर्चा खोला था और उसके बाद राजद नेताओं ने जिस तरह से आनंद मोहन पर बयानबाजी की थी या उन्हें पार्टी की तरफ से उन्हें हिदायत दी गई थी उससे अभी भी पूर्व सांसद के जेडीयू में जाने को लेकर संशय बना हुआ है।
सीएम नीतीश के बीजेपी में जाने के कयास
फिलहाल बता दें कि इस अक्टूबर महीने में सीएम नीतीश कुमार और आनंद मोहन की दूसरी मुलाकात है। इससे पहले 5 अक्टूबर को आनंद मोहन नीतीश कुमार से मिलने के लिए सीएम आवास पहुंचे थे। उस समय भी दोनों नेताओं के बीच काफी लंबी बातचीत चली थी। दूसरी तरप नीतीश कुमार का भी रुख स्पष्ट नज़र नहीं आ रहा है। इन दिनों वह बीजेपी नेताओं से ज्यादा मिल रहे हैं और महागठबंधन के साथियों को इग्नोर करते नज़र आ रहे हैं। जिससे सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम है। वहीं इसे लेकर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 5 राज्यों का चुनाव रिजल्ट काफी कुछ क्लियर कर सकता है। जानकारों का कहना है कि अगर इन 5 राज्यों में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया तो फिर बिहार में बड़ा खेल देखने को मिल सकता है।