Thursday, September 19, 2024

Bihar : प्रदेश में जातीय जनगणना के बाद, अब जारी हुई पक्षियों की गणना रिपोर्ट

पटना। बिहार में एशियाई जलपक्षी जनगणना का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा रिपोर्ट जारी की गई है। बताया जाता है कि प्रतिवर्ष यहां एशियाई जलपक्षी जनगणना की जाती है।

एशियाई पक्षियों की गणना

बिहार में एशियाई जलपक्षी जनगणना का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में सारण जिला अंतर्गत अवस्थित अटानगर चंवर, बहियारा चंवर, हल्दिया चंवर और फुरवारिया चंवर स्थित हैं। जहां जनवरी-फरवरी माह में सारण वन प्रमंडल द्वारा पक्षियों की गणना की गई थी। वहीं जारी की गई वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार सारण जिले के अंतर्गत कुल 98 प्रजातियों के पक्षियों की मौजूदगी दर्ज की गई है। बता दें कि प्रतिवर्ष यहां एशियाई जलपक्षी जनगणना की जाती है। जिसमें पूरे एशिया के आद्रभूमि में जलपक्षी की गणना होती है।

बहियरा चौर 8वें नंबर पर

इस जनगणना में सभी जलपक्षियों की आद्रभूमि की गुणवत्ता का भी पता चलता है। इस दौरान वन प्रमंडल पदाधिकारी रामसुंदर ने बताया है कि यहां 1246 जल पक्षी हैं। वहीं सारण में 68 जल में रहने वाले पक्षी मिले हैं जबकि 190 पक्षी भूमि पर वास करते है। इन प्रवासी पक्षियों की संख्या 37 बताई जा रही है। यहीं नहीं कॉमन पोचर्ड और फेरुजिनस बत्तख मध्य एशिया और फ्लाईवे प्रवासी पक्षी है, उन्हें भी सारण जिला में हुए गणना में शामिल किया गया। बता दें कि बिहार में सर्वाधिक पक्षियों की प्रजाति आद्रभूमि में ही मिली है। इसके अलावा बताया जा रहा है कि 10 प्रमुख स्थलों में बहियरा चौर 8वें नंबर पर है।

दुर्लभ पक्षी भी हैं महत्वपूर्ण

वन प्रमंडल पदाधिकारी रामसुंदर ने आगे बताया कि पक्षी गणना रिपोर्ट के अनुसार हमारे यहां कई दुर्लभ पक्षी है, जिन्हें बचाना बेहद आवश्यक है। यही नहीं इन पक्षियों के रहने से किसान और आम जनता को भी फायदा मिलता है। उन्होंने बताया कि कई सारे प्रवासी पक्षी भी सारण में रहते हैं। सारण जैसे जिले में जहां वन क्षेत्र काफी कम है, वहां पक्षियों की काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यहीं नहीं पक्षी परागण में मदद करते हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों की आबादी को भी नियंत्रण में रखते हैं। पक्षी जैव विविधता को संतुलित रखने के साथ-साथ स्वास्थ्य पर्यावरण में संकेतक के रूप में भी कार्य करते हैं।
इसके अलावा महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इस बार सर्दी के मौसम में सारण वन प्रमंडल प्रवासी पक्षियों के महत्व के बारे में स्कूल और कॉलेज के छात्रों को भी बताया जाएगा।

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