पटना। बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जनगणना कराने से काम नहीं चलेगा। जाति के आंकड़े के हिसाब से मंत्रिमंडल होना चाहिए।
नीतीश कुमार को पूर्व मुख्यमंत्री ने दी चुनौती
बिहार में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। इसके साथ ही जब से प्रदेश में जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट प्रकाशित की गई है तब से यह विवादित मुद्दा बन गया है। इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जातिगत जनगणना करवाकर अन्याय हुआ है, न्याय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे जो फायदा होना चाहिए था वो नहीं हुआ बल्कि घाटा हुआ है। जीतन राम मांझी ने खुला चैलेंज देते हुए कहा कि नीतीश कुमार में अगर हिम्मत है तो जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के अनुसार उसे लागू करें। इसी से समझा जाएगा कि नीतीश कुमार ने सचमुच में जाति आधारिच जनगणना कराया है।
लालू यादव पर साधा निशाना
यहीं नहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिना लालू यादव का नाम लिए उन पर निशाना साधते हुए कहा कि जनगणना करने से काम नहीं चलेगा। जाति आधारित जनगणना सही से नहीं हुई है। जाति के आंकड़े के हिसाब से मंत्रिमंडल होना चाहिए। इस रिपोर्ट से वही लोग खुश हैं जो स्वार्थी हैं। इस दौरान जीतन राम मांजी ने सवाल करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन आप चुप क्यों हैं? या तो उसे (जाति आधारित जनगणना) रद्द करें या फिर जिस तरह से यह गणना हुई है उसे उसी तरह से लागू करें। जिस जाति के लोग अधिक हैं उनको जान लेना चाहिए कि घमंडिया गठबंधन के लोग चुप हैं। इसके अलावा बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि जीतनराम मांझी ने जो कहा वो सच हैं। जातीय जनगणना जेडीयू और राजद की सरकार के द्वारा कराया गया है। इसका उद्देश दूसरा हो गया है। अब इसका उद्देश है कि मुझे कुछ जाति को लाभ पहुंचाना है। जो सरकार समर्थित जातियां होगी और बाकी जो विरोधी दल से संबंधित जातियां हैं उसके संख्या को घटाकर मनोबल को तोड़ना है, राज्य स्तर पर एक जोरदार आंदोलन की तैयारी हो रही है।
जातीय जनगणना का समर्थन
वहीं राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी जब से बीजेपी के गोद में गए हैं तब से उन्ही की भाषा बोल रहें हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में जिस तरह से जातीय सर्वे का काम करवाकर नीतीश-तेजस्वी सरकार ने सार्वजनिक कर दिया, ये ऐतिहासिक है। ये उन लोगों के साथ न्याय है जो समाज में अंतिम पंक्ति में बैठे हैं। यहीं नहीं मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अब पूरे देश में इसकी मांग हो रही है। मांझी बीजेपी के गोद में है और केंद्र में बीजेपी की सरकार है तो वो दबाब बनाएं, मांग करें कि देश के स्तर पर जातीय जनगणना बीजेपी कराए। इसके अलावा जेडीयू प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि जाति आधारित गणना का रिपोर्ट साइंटिफिक डाटा है उसी के आधार पर नीतीश कुमार सभी वर्गो के कल्याण हेतु पॉलिसी फ्रेमिंग और लोक कल्याण योजना बनायेंगे जिससे सभी वर्ग का उत्थान उन्नयन होगा खास करके दलित समाज के लोगों का। यहीं नहीं कांग्रेस प्रवक्ता आनंद माधव ने कहा कि बिहार ने इतना बड़ा काम किया है तो थोड़ी बहुत आलोचना तो होगी ही और खास करके ये थके हुए नेता हैं, जिनके पास कोई रोजगार नहीं है। उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि इस तरह की बातें करके जातीय उन्माद को फैलाने की कोशिश की जा रही है जो यहां नहीं होगा।