Thursday, September 19, 2024

बिहार: क्या जातिय जनगणना करवाकर, जातियों में आग लगाकर राजनीतिक रोटी सेंकना चाहती है सरकार ?

पटना। बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद की नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। इसी बीच जन सुराज के सुत्रधार प्रशांत किशोर ने इस पर बड़ा बयान दिया है।

जातिगत जनगणना को अंतिम दांव के रूप में खेला

बिहार की राजनीति में इस समय घमासान मचा हुआ है। एक तरफ जहां आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा के ठाकुरों को लेकर दिए बयान के बाद आरजेडी के ही नेता आमने-सामने आ गए हैं तो दूसरी तरफ जाति आधारित गणना की रिपोर्ट भी आ गई है जिसमें भी बहुत सी कमियां बताई जा रही हैं। अब इस पर जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार और चुनावी रणनीतीकार प्रशांत किशोर ने बिहार की सरकार को घेरते हुए कहा कि जो लोग जातिगत जनगणना करवा लिए इनको समाज की बेहतरी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना को अंतिम दांव के रूप में खेला गया है ताकि समाज के लोगों को जातियों में बांटकर एक बार फिर किसी तरह चुनाव की नैया पार लगाई जाए। नीतीश कुमार 18 सालों से सत्ता में हैं पर अब क्यों जातिगत जनगणना करवा रहे हैं? नीतीश कुमार को 18 सालों से याद नहीं आ रहा था? दूसरी बात, जाति आधारित जनगणना राज्य सरकार का विषय नहीं है।

बिहार के 13 करोड़ लोग सबसे गरीब और पिछड़े हैं: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने आगे समझाते हुए कहा कि जातियों की जनगणना मात्र से लोगों की स्थिति नहीं सुधरेगी। बिहार के 13 करोड़ लोग जनगणना के मुताबिक सबसे गरीब और पिछड़े हैं और ये जानकारी सरकार के पास है तो इसे क्यों नहीं सुधारते। दलितों की जनगणना आजादी के बाद से हो रही है उसकी दशा आप क्यों नहीं सुधार रहे हैं? उनके लिए आपने क्या किया? मुसलमानों की जनगणना हुई है लेकिन उनकी हालत सुधर क्यों नहीं रही है? प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में आज दलितों के बाद मुसलमानों की हालत सबसे खराब है लेकिन इस पर कोई बात नहीं कर रहा है। समाज में अगर कोई वर्ग सही मायने में पीछे छूट गया है तो उसकी संख्या ज्यादा है। उन्होंने कहा कि बिहार की सरकार जनता को उलझा रही है कि आधे लोग लग जाएं जनगणना के पक्ष में और आधे लोग लग जाएं जनगणना के विपक्ष में। इसके बाद कोई इसकी चर्चा न करे कि, बिहार में पढ़ाई हो रही है की नहीं, रोजगार मिल रहा है की नहीं। एक बार जाति में आग लगाकर अपनी रोटी सेंक कर फिर से एक बार मुख्यमंत्री बन जाए।

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