पटना। सांसद मनोज झा के खिलाफ विरोध करने को लेकर आरजेडी की तरफ से विधायक चेतन आनंद और उनके पिता आनंद मोहन को हिदायत दी जा चुकी है। अब आनंद मोहन के बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति सम्मान के साथ आरजेडी में नहीं रह सकता है।
आरजेडी के अंदर बंधुआ मजदूर…
राज्यसभा सांसद मनोज झा द्वारा सुनाई गई ‘ठाकुर’ वाली कविता के बाद देश भर में सियासत जारी है। अब इसी बीच नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बड़ा बयान जारी किया है। बताया जा रहा है कि शनिवार को विजय सिन्हा हाजीपुर में थे। वहीं चेतन आनंद के राजनाथ सिंह से हुई मुलाकात के मायने को लेकर किए गए सवाल पर विजय सिन्हा ने कहा कि आरजेडी में कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति सम्मान के साथ नहीं रह सकता है। आरजेडी के अंदर बंधुआ मजदूर और वंशवाद की गुलामी में जीना पड़ता है।
चेतन आनंद के बीजेपी में जाने के कयास
वहीं आनंद मोहन के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जो भारत के प्रधानमंत्री के मंत्र को ग्रहण करेगा और ‘सबका साथ, सबका विकास’ के भाव को स्वीकार करेगा उन्हें भारतीय जनता पार्टी स्वीकार करेगी। बता दें कि आरजेडी के विधायक चेतन आनंद जब से राजनाथ सिंह से मिले हैं तब से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं वो बीजेपी के साथ जा सकते हैं। इसके अलावा विजय कुमार सिन्हा से जब पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार का भी बीजेपी में स्वागत किया जाएगा? तो इस पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार की जनता बोझ समझ रही है। इस बोझ से जनता मुक्त होना चाहती है। ऐसे में थके हारे लोगों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
तेजस्वी यादव पर बरसे विजय कुमार सिन्हा
बता दें कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के चुनावी क्षेत्र में आए दिन हत्या की घटनाएं हो रही है। इसी बीच दो दिन पहले एक युवक की पांच गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बताया जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा पीड़ित परिजन से मिलने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान वह तेजस्वी यादव पर जमकर बरसते नज़र आए। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधी और माफिया को सत्ता का संरक्षण मिल रहा है। तेजस्वी यादव जाति की राजनीति करते हैं लेकिन अपने समाज के लोगों को भी नहीं बचा पा रहे हैं। विजय सिन्हा ने कहा कि तेजस्वी यादव जनता से मिलने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे लोगों को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।