पटना। आज दिल्ली में होने वाली ‘इंडिया’ की कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक को लेकर बीजेपी के नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कोई नेता किसी को स्वीकार नहीं करना चाहता। हर किसी के मन में लड्डू फूट रहे है कि हम प्रधानमंत्री बन जाएं।
वरिष्ठ नेताओं को होता है निर्णय का अधिकार
दिल्ली में इंडिया गठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक होने वाली है। इस कमेटी में इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों से सदस्य शामिल हैं। कमेटी बनने के बाद दिल्ली में आज इनकी पहली बैठक हो रही है। इस बैठक में कमेटी के सदस्यों की तरफ से 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार की जाएगी। बैठक से पहले पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बड़ा बयान जारी किया है। सुशील मोदी ने कहा कि कोऑर्डिनेशन कमेटी बहुत कमजोर है। उन्होंने कहा कि इसमें नीतीश कुमार, राहुल गांधी, ममता बनर्जी को होना चाहिए था। पार्टी के वरिष्ठ नेता निर्णय करते हैं बाकी लोगों को अधिकार नहीं है इसमें। बीजेपी नेता ने कहा कि ललन सिंह बाद में नीतीश कुमार से पूछ लेंगे। अभिषेक बनर्जी आ नहीं रहे हैं। सीपीआई-एम ने नाम ही तय नहीं किया है। शरद पवार, हेमंत सोरेन और एमके स्टालिन केवल तीन लोग हैं। सुशील मोदी ने कहा कि इनको लगता है कि कोऑर्डिनेशन कमेटी केवल दिखावे के लिए है। सीट शेयरिंग पर ये क्या निर्णय कर सकते हैं? सीट शेयरिंग तो राज्यों के अंदर होता है। इस तरह की बैठकों में सीट शेयरिंग नहीं की जा सकती है।
पहले तय करें प्रधानमंत्री का दावेदार
कोऑर्डिनेशन कमेटी को लेकर सुशील मोदी ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि इसमें बहुत होगा तो रैली के बारे में चर्चा हो सकती है कि कहां-कहां कर सकते हैं। अब तो झगड़ा शुरू हो गया प्रधानमंत्री पद को लेकर। बीजेपी नेता ने कहा कि ललन सिंह ने नीतीश कुमार का बायोडाटा जारी कर दिया है वह कि इतने साल तक मुख्यमंत्री रहे, ईमानदार हैं, इनको महागठबंधन में प्रधानमंत्री का उम्मीदवार होना चाहिए। जबकि उधर टीएमसी के लोग ममता बनर्जी का नाम आगे कर रहे हैं, तो पहले तय तो करें कि प्रधानमंत्री पद का दावेदार कौन होगा?
नीतीश कुमार के मन की बात
सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार कुछ भी कह लें लेकिन मन में तो है कि एक दिन के लिए भी प्रधानमंत्री बन जाएं। नीतीश कुमार ने जो दो दिनों तक बैठक की तो बाहर उनके लोग नारा लगा रहे थे। ललन सिंह ने भी पीएम पद को लेकर खुलकर कह दिया है। कोई नेता किसी को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। हर आदमी के मन में लड्डू फूट रहा है कि हम प्रधानमंत्री बन जाएं। सुशील मोदी ने कहा कि अभिषेक बनर्जी आ नहीं रहे हैं तो ममता बनर्जी क्यों नहीं आ रही हैं? किसी और को क्यों नहीं भेजा? इस तरह की कोऑर्डिनेशन कमेटी में केमिस्ट्री मिलनी चाहिए। जो में कमेटी हैं उनको तो निर्णय लेने का पावर ही नहीं है।