पटना. पीएम मोदी आज 508 स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास रखेंगे, जिसमें बिहार के भी 49 स्टेशन शामिल हैं. अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बिहार के कई स्टेशनों की सूरत बदलेगी. इसमें दरभंगा सहित बिहार के कई बड़े स्टेशन शामिल हैं. गौरतलब है कि भारतीय रेल आधुनिकीकरण की दिशा में और भारत सरकार के न्यू इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. देशभर में रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय प्रतिष्ठानों के रूप में विकसित करने का काम तेजी से किया जा रहा है.
इन स्टेशनों का होना है पुनर्विकास
सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि पूर्व मध्य रेल के दानापुर मंडल के 13, धनबाद के मंडल के 15, सोनपुर मंडल के 10, समस्तीपुर मंडल के 12 एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल के 07 सहित कुल 57 स्टेरशन का अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्विकास का शिलान्यांस किया जाना है. इसमें समस्तीपुर मंडल-समस्तीपुर मंडल के दरभंगा स्टेशन का 340 करोड़ रुपए, सीतामढ़ी स्टेशन का 242 करोड़ रुपए, बापूधाम मोतिहारी स्टेशन का 205 करोड़ रुपए, सगौली स्टेशन का 23.3 करोड़ रुपए, नरकटियागंज स्टेशन का 29.3 करोड़ रुपए, सहरसा स्टेशन का 41 करोड़ रुपए, समस्तीपुर स्टेशन का 24.1 करोड़ रुपए, सलौना स्टेशन का 22.3 करोड़ रूपए, बनमनखी स्टेशन का 21.5 करोड़ रूपए, मधुबनी स्टेशन का 20 करोड़ रुपए, सकरी स्टेशन का 18.9 करोड़ रुपए तथा जयनगर स्टेशन का 17.5 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्विकास कार्य किया जाना है.
पहले चरण में 508 स्टेशन शामिल
पीएम मोदी की इस योजना के तहत लगभग 24,470 करोड़ रुपए की लागत से कुल 1,309 रेलवे स्टेशनों की काया में परिवर्तन किया जाएगा. पहले चरण में 508 स्टेशनों पर काम होगा. इन स्टेशनों में उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 55-55, बिहार के 49, महाराष्ट्र के 44, पश्चिम बंगाल के 37, मध्य प्रदेश के 34, असम के 32, ओडिशा के 25, पंजाब के 22, गुजरात और तेलंगाना के 21-21, झारखंड के 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के 18-18 स्टेशन, हरियाणा के 15 और कर्नाटक के 13 स्टेशनों को शामिल किया गया है.
यात्रियों को मिलेगी ये सुविधा
इस योजना के तहत न सिर्फ स्टेशनों की काया बदलेगी, बल्कि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी. PMO की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशनों का सिटी सेंटरों के रूप में विकास किया जाएगा. इसके अलावा शहर के दोनों छोरों का एकीकरण करना, स्टेशन भवनों का सुधार व पुनर्विकास करना, आधुनिक यात्री सुविधाओं का प्रावधान, बेहतर यातायात व्यवस्था और इंटरमोडल इंटीग्रेशन, मार्गदर्शन के लिए एक-समान और सहायक सूचक चिन्ह, मास्टर प्लान में उचित संपत्ति विकास का प्रावधान और लैंडस्केपिंग, स्थानीय कला के साथ संस्कृति को बढ़ावा देना मकसद है. यात्रियों की सीटिंग के लिए भी सुविधाएं की जाएंगी. अब देखना ये है कि स्टेशनों के रीडेवलपमेंट के बाद लोगों को कहा तक लाभ होगा.