पटना। बिहार की राजधानी पटना में शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन के विरोध में सीटेट पास अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया हालांकि शिक्षक अभ्यर्थी ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ेगा। अगर सरकार की तरफ से संसोधन वापस नहीं लिया गया तो उग्र आंदोलन होगा। बता दें कि शिक्षक अभ्यर्थियों की ओर से गांधी मैदान से राज भवन तक मार्च निकालने की कोशिश की गई थी लेकिन जेपी गोलंबर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी थी।
बिहारी होना अब जरुरी नहीं
नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। दरअसल अब बिहार में शिक्षक बनने के लिए बिहारी होना जरुरी नहीं रहा। शिक्षक बहाली नियमावली में बदलाव करते हुए कहा गया है कि अब सूबे में शिक्षक बनने के लिए बिहार का स्थायी निवासी होना आवश्यक नहीं है। जबकि पहले भर्ती के लिए यह अहर्ता होना अनिवार्य था।
इसी साल जारी होगा परिणाम
मालूम हो कि नई शिक्षक बहाली के तहत राज्य में 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर बहाली की जायेगी। इसके लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है। आवेदन करने की तिथि 15 जून से 12 जुलाई तक रखी गई है। जबकि अगस्त के अंत तक परीक्षा होगी। बिहार लोक सेवा आयोग ने कहा है कि परीक्षा का परिणाम इसी साल जारी कर दिया जाएगा।
हक़ छीना जा रहा
वहीं प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि बिहार में शिक्षक अब बाहरी लोग भी बन सकते हैं। ऐसा करके हमारे हक को छीना जा रहा है। हम लोग तीन साल से टीईटी, एसटीईटी और सीटेट परीक्षा पास करके बैठे हुए हैं। अभी तक नियुक्ति नहीं हुई है। सरकार को इस नीति को वापस लेना पड़ेगा नहीं तो आंदोलन उग्र होगा।