पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पहल पर आज राजधानी पटना में आयोजित विपक्षी नेताओं की महाबैठक खत्म हो गई है। विपक्षी नेताओं की बैठक में 15 पार्टियों के 27 नेता शामिल हुए। बता दें कि इस बैठक में 6 राज्यों के मुख्यमंत्री एवं 5 राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हुए। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए यह बैठक बुलाई थी। वहीं विपक्षी दलों की बैठक के बाद सभी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के सीएम केजरीवाल एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन शामिल नहीं हुए।
उसूलों और विचारधारा की लड़ाई
विपक्षी दलों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इतने लोगों को इकट्ठा करना छोटी बात नहीं है। हमारा मकसद ताकत हासिल करना नहीं है। यह उसूलों, विचारधारा, सोच, इरादों की लड़ाई है। मैं और महबूबा मुफ्ती इस मुल्क के ऐसे बदनसीब इलाके से ताल्लुक़ रखते हैं जहां लोकतंत्र का दिनदहाड़े कत्ल किया जा रहा है। वज़ीर-ए-आज़म को व्हाइट हाउस में लोकतंत्र की बात करते हुए अच्छा लगा लेकिन यह लोकतंत्र जम्मू-कश्मीर तक क्यों नहीं पहुंचता?
बिहार से इतिहास बचाया जाए
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पटना में जो बैठक हुआ है वो अच्छा हुआ है। हमने तीन चीज पर जोर दिया है-हम लोग एक है, हम लोग एक साथ लड़ेंगे, अगला बैठक शिमला में होगा। बीजेपी चाहती है कि इतिहास बदला जाए और हम चाहते हैं कि बिहार से इतिहास बचाया जाए।