Saturday, September 21, 2024

बिहार: आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर

पटना: गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में सजा काट रहे आनंद मोहन को 16 साल बाद आज जेल से रिहा कर दिया गया. जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा मिली थी. आनंद मोहन की रिहाई के बाद से लगातार बिहार सरकार सवालों के घेरे में आ रही है. आज सुबह करीब साढ़े चार बजे आनंद मोहन को सहरसा जेल से रिहा किया गया. इस मामले में पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर बिहार सरकार की अधिसूचना को खारिज करने की मांग की गई है.

हाईकोर्ट में दायर की याचिका

एक ओर आनंद मोहन की रिहाई को लेकर उनके समर्थकों में जश्न का माहौल है तो वहीं दूसरी ओर पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर उनकी रिहाई के फैसले को बदले की मांग की गई है. अमर ज्योती द्वारा दायर की गई याचिका में बिहार सरकार द्वारा जेल मैनुअल 2012 के नियम 481(I) में संशोधन कर ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या वाक्य को हटाए जाने के खिलाफ यह याचिका दायर की गई है. इसके साथ ही इस याचिका में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से सरकारी सेवकों का मनोबल कमजोर होगा.

आज सुबह मिली रिहाई

16 साल बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की आज जेल से रिहाई हो गई है. आनंद मोहन सिंह को आज सुबह 4:30 बजे सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया. बताया जा रहा है कि भीड़ जमा होने की आशंका की वजह से आनंद मोहन सिंह को सुबह साढ़े चार बजे ही रिहा कर दिया गया. मिली जानकारी के अनुसार बीती रात ही उनकी रिहाई से जुड़ी सारी कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी.

सक्रिय राजनीति में होंगे शामिल

कयास लगाए जा रहे हैं कि रिहाई के बाद आनंद मोहन सिंह सक्रिय राजनीति में एक बार फिर से शामिल हो सकते हैं. कोसी क्षेत्र और राजपूतों में आनंद मोहन की खास पैठ है, इसके मद्देनजर वो आगामी चुनाव में अपना चुनावी पत्ता खोल सकते हैं. आनंद मोहन की रिहाई के बाद होने वाला शक्ति प्रदर्शन भी आगामी चुनाव को देखते हुए राजनीति में उनका कद और बाहुबल साबित करने का जरिया हो सकता है. आनंद मोहन की ओर से अभी तक ऐसा कोई इशारा नहीं किया गया है कि अगर वो सक्रिय राजनीति का हिस्सा होंगे तो किसके खेमे में दिखेंगे, लेकिन जहां तक संभव है वो महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं.

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