पटना: लोक आस्था का महपर्व के चैती छठ के के तीसरे दिन अस्तगामी सूर्य यानी शाम के समय सूर्य को अर्घ्य दिया गया. बिहार के कई शहरों में श्रद्धालुओं ने आज शाम सूर्य देव को पहला अर्घ्य दिया है. छठ के मौके के लिए आज शाम को पटना के गर्दनीबाग के कच्ची तालाब घाट पर काफी संख्या में वर्ती और श्रद्धालु पहुंचे थे. बता दें कि सूर्य को अर्घ्य देने के लिए काफी बड़ी संख्या में व्रती अलग-अलग घाटों पर पहुंची थीं.
बिहार के कई हिस्सों में मनाया जा रहा महापर्व
बता दें कि पटना के छठ घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. ताकि कोई असमाजिक तत्व पूजा की विधि में विघ्न ना डाल पाए. इसके साथ ही पटना के घाटों पर इस मौके पर गोताखोरों को भी तैनात किया गया था. ताकि किसी भी अपातकाल की स्थिति में उनकी सहायता ली जाए. राजधानी पटना ही नहीं इसके साथ ही दक्षिण बिहार, सारण, आरा, बक्सर, जहानाबाद, गया, चंपारण, मिथिलांचल, सहित बिहार के सभी क्षेत्रों में छठ पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है.
सुरक्षा का रखा गया पल-पल ध्यान
इस दौरान लोगों में काफी आस्था देखने को मिली. कई व्रतियों ने परंपरागत तरीके से दंडवत होते हुए छठ घाटों पर गईं. शाम के समय अर्घ्य को ध्यान में रखकर भाड़ी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. इसके साथ ही सीसीटीवी और ड्रोन से भी मामले का पल-पल का जायजा लिया जा रहा था. इस दौरान कई समाजिक संगठनों द्वारा सड़क मार्ग से जा रहे लोगों को फल और सुप का वितरण किया जा रहा था.
चार दिन का होता है यह महापर्व
आज डूबते सूर्य को अर्घ देने के बाद वर्ती कल सुबह के वक्त सूर्य को अर्घ्य देंगी. बता दें कि छठ को बिहार में महापर्व कहा जाता है. यह पर्व पूरे चार दिनों का होता है. पहला दिन नहाय खाय के साथ शुरू होता है. इसके बाद खरना होता है इस दिन वर्ती दिनभर भूखे प्यासे रहते हैं और शाम में रोटी और खीर का भोग लगाती हैं. तीसरे दिन अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और अगले दिन सुबह के समय सूर्य देवता की उपासना के साथ उनको अर्घ्य दी जाती है. मुख्यत: बिहार का यह पर्व अब भारत के साथ-साथ दुनिया के कई अन्य हिस्सों में भी मनाया जाने लगा है.