पटना। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने वर्तमान उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित लालू परिवार पर जमकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन घोटाला मामले में तेजस्वी यादव से दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के चार मंजिल मकान के संबंध में ईडी द्वारा पूछताछ की गई। तेजस्वी यादव के पास अब देने के लिए कोई जवाब नहीं बचा है। ये लोग नौकरी के बदले जमीन लेकर मनमानी संपत्ति का अर्जन करते हैं।
सुशील मोदी ने क्या कहा?
सुशील मोदी ने कहा कि यह मकान जो ‘ए.के. इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड’ का रजिस्टर्ड कार्यालय बना हुआ है, इसे पटना स्थित महुआ बाग निवासी हजारी राय ने 9527 वर्ग फुट भूखंड 10 लाख 83 हजार में नगद रुपया भुगतान करते हुए स्थानांतरित कर दिया था। उस जमीन के बदले में हजारी राय के दो भतीजें दिलचंद्र कुमार और प्रेम चंद्र कुमार को 2006 में जबलपुर और कोलकाता में रेलवे में नौकरी प्रदान की गई थी।
जमीन के मालिक कौन?
सुशील मोदी ने आगे कहा कि ए.के.इंफो कंपनी पर 2014 से ही लालू परिवार का एकाधिकार रहा है। उन्होंने कहा कि ए.के.इंफो कंपनी में रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लिखवाई गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि ए.के.इंफो कंपनी का सौ प्रतिशत शेयर राबड़ी और तेजस्वी यादव के नाम पर हैं, जिसमें 8,500 शेयर राबड़ी देवी और 1,500 शेयर तेजस्वी यादव के नाम है। इस प्रकार अब इसके मालिक राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव हैं जबकि कंपनी के डायरेक्टर राबड़ी और लालू को बताया जा रहा हैं।
शराब फैक्ट्री में कौन बने थे डायरेक्टर
सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि राबड़ी सरकार के 2000 से 2005 के कार्यकाल में अमित कत्याल की कंपनी Iceberg Industries के द्वारा बिहटा में एक शराब की फैक्ट्री स्थापित की गई थी, जिसमें लालू के परिवार के सदस्य भी डायरेक्टर थे। उन्होंने कहा कि इसी अमित कत्याल के नाम पर अमित कत्याल Infosystem नामक कंपनी बनाई गई।
जमीन खरीदने के लिए दिया इतना लोन
सुशील मोदी ने आगे आरोप लगाया कि पटना और दानापुर सर्किल के मौजा चितकोहरा, सलेमपुर, चितनावां, बभनगावां, पानापुर में 221 डिसमिल क्षेत्रफल वाले 21 भूखंड को 2007 से 2010 के बीच 2 करोड़ 16 लाख में खरीद लिया गया था। जिसके लिए अमित कात्याल ने 45.5 लाख रूपए का कर्ज लिया था। साथ ही राबड़ी देवी द्वारा भी 1 करोड़ 54 लाख का 2018 में ऋण प्रदान किया गया था। इस प्रकार तेजस्वी यादव का ए.के.इंफो के जरिए करोड़ों की संपत्ति पर अधिकार हो गया.