पटना: बिहार राजनीति से जुड़ी अहम खबर सामने आ रही है। बता दें, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर बिहार दौरे पर आ रहे हैं। वे 2 अप्रैल को नवादा और सासाराम में जनसभाओं का संबोधन करेंगे। अमित शाह बीते 25 फरवरी को ही बिहार दौरे पर आए थे। 35 दिन के इस दौरे के बाद वे फिर बिहार दौरे पर होंगे। दरअसल मिशन-40 को लेकर बिहार में बीजेपी काफी ज़्यादा सक्रिय है। बीजेपी एक बार फिर साल 2019 के अपने प्रदर्शन को दोहराती दिख रही है। साल 2019 में बीजेपी ने यहाँ 40 में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी। हालाँकि तब नीतीश कुमार उनके साथ थे। लेकिन अब नीतीश कुमार पाला बदलकर महागठबंधन में शामिल हो गए हैं। ऐसे में अब बीजेपी के लिए पिछले प्रदर्शन को दोहराना बड़ी चुनौती है।
25 को भी पहुंचे थे बिहार
बता दें, अप्रैल को दौरे से पहले अमित शाह 25 फरवरी को पटना, वाल्मीकिनगर पहुँचे थे। इसके बाद उन्होंने पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। इसके साथ ही अमित शाह पटना में स्वामी सहजन और सरस्वती जयंती के समारोह में शामिल हुए थे। अमित शाह ने उस समय पटना साहिब गुरुद्वारा में माथा भी टेका था।
चौथा दौरा नई सरकार के बाद होगा
बिहार में नई सरकार बनने के बाद अमित शाह ने पूर्णिया, किशनगंज, सारण, वाल्मीकिनगर और पटना का दौरा किया। पूर्णिया और किशनगंज मुस्लिम बहुल इलाके हैं। हर रोज हिंदू यहाँ समस्याओं का समाधान करने आते हैं। इसके साथ ही यहाँ भी रोहिंग्या और बंगालियों का मुद्दा अब भी उठता है। शाह ने अपने दौरे के दौरान यहाँ कहा था कि जब तक भारत में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार है, सीमांचल के लोगों को किसी से नहीं डरना चाहिए। तो जेपी की जन्मभूमि पर शाह नीतीश कुमार की ओर इशारा करते हुए सिताब दियारा ने कहा कि खुद को जेपी का चेला कहने वाले सत्ता के लालच में कांग्रेस की गोद में बैठ गए।
शाह का लालू पर तंज
पटना में स्वामी सहजन और सरस्वती जयंती समारोह में अमित शाह शामिल हुए थे। आपको बता दें, किसानों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने लालू यादव और नीतीश कुमार दोनों पर जमकर तंज कसा। शाह ने कहा कि बिहार में पानी है…. जमीन है और मेहनती किसान हैं। व्यवस्था सही रही तो बिहार सबसे बड़ा डेयरी राज्य बन सकता है। लेकिन नीतीश कुमार ऐसा कैसे करेंगे? क्योंकि दुग्ध उत्पादन के लिए पशुओं की आवश्यकता होती है और पशुओं के लिए चारे की आवश्यकता होती है। लेकिन चारा चोर सरकार में बैठता है।