Friday, October 18, 2024

बिहार: पश्चिम चंपारण के रिहायशी इलाकों में पहुंचा मगरमच्छ का झुंड, भयभीत हुए लोग

पटना। बिहार के पश्चिम चंपारण के बगहा के रिहायशी इलाकों में मगरमच्छ का झुंड पहुंच गया है, इससे कई गांवों में अफ़रा-तफ़री मच गई है। खबर के अनुसार गंडक नदी से भटक कर रामनगर के मसान नदी व त्रिवेणी नहर में कई मगरमच्छ अपना डेरा जमाए हुए हैं। इस वजह से नदी व नहर तट पर बसे आस-पास के इलाके के लोग सहमे हुए हैं। दरअसल, मसान नदी एवं त्रिवेणी नहर में आस-पास के गांव के लोग स्नान करने व अपने मवेशियों को नहलाने आ जाते हैं। गांव वालों को डर है कि कहीं इस दौरान कोई अप्रिय हादसा न हो जाए।

वन विभाग व वीटीआर प्रशासन से लोग लगा रहे गुहार

मगरमच्छ के डर से रामनगर के ग्रामीण और किसान वन विभाग व वीटीआर प्रशासन से गुहार लगा रहे है कि इन मगरमच्छों का सफल रेस्क्यू कर वापस गंडक नदी में छोड़ दिया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि समय रहते कोई अनहोनी न हो, साथ ही जान-माल का नुकसान न हो जाए इसलिए हम वन विभाग से मांग कर रहे है कि इन मगरमच्छों का रेस्क्यू कर वापस गंडक में भेज दिया जाए।

धूप निकलने पर बाहर आ रहे मगरमच्छ

आपको बता दें कि रामनगर के मसान नदी व त्रिवेणी नहर के समीप पड़ने वाले कुडीया टोला, फुलवारीया व बैकुंठपुर गांवों के ग्रामीण मगरमच्छ निकलने की वजह से बहुत भयभीत हो गए हैं। लोग का कहना हैं कि मगरमच्छ कई बार नदी व नहर से निकलकर बाहर आ जाते है। धूप निकलने पर वो मेड़ या खेतों में आ जाते हैं। गांव के बच्चे अक्सर नदी व नहर में नहाने जाते रहते हैं तो इस दौरान मगरमच्छ बच्चों पर हमला भी कर सकता है।

गंडक में भारी संख्या में पाए जाते है मगरमच्छ व घड़ियाल

मालूम हो कि चंबल के बाद गंडक भारत की दूसरी सबसे बड़ी नदी है, जहां भारी संख्या में मगरमच्छ व घड़ियाल पाए जाते हैं। इनका अधिवास क्षेत्र भी है लेकिन गंडक नदी के जलस्तर में कमी देखी जा रही है। जिस कारण हो सकता है कि ये मगरमच्छ झुंड में निकलकर आस-पास के नहरों व अन्य सहायक नदियों में चले आये हैं। मगरमच्छों ने स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत खड़ा कर दिया है।

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