Thursday, September 19, 2024

Magh Purnima 2023: जानें माघ पूर्णिमा की तारीख और इसके रोचक तथ्य

Magh Purnima 2023: अंग्रेजी कैलेंडर का फरवरी महीना शुरू होने वाला है और इसी के साथ हिंदी कैलेंडर का माघ माह शुरू हो चुका है. धर्म शास्त्रों के अनुसार, माघ महीने में पूजा-पाठ और दान का बहुत बड़ा महत्व होता है. माघ पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा और माघिन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि, हर महीने की पूर्णिमा पूजा पाठ के नजरिए से बेहद खास मानी जाती है. ज्योतिषशास्त्र के हिसाब से माघ माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. साथ ही पूर्णिमा के दिन नदियों में स्नान करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है. साथ ही धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवतागण सवर्ग से पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने आते हैं.

दैनिक स्नान पौष पूर्णिमा से शुरू हो कर माघ पूर्णिमा पर समाप्त होता है. साथ ही ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए सारे दान कार्य फलीभूत होते हैं. इस कारण माघ पूर्णिमा के दिन लोग अपनी क्षमता अनुसार जरूरतमंदों को दान-पुण्य करते हैं. साथ ही इस दिन प्रयाग में गंगा नदी के तट पर लगाए गए एक महीने के तपस्या शिविर कल्पवास का भी अंतिम दिन होता है. आज हम आपको बताएंगे माघ पूर्णिमा की तिथि और इसके मुहूर्त के बारे में.

माघ माह पूर्णिमा तिथि
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत
4 फरवरी 2023 को रात्रि 09 :29 मिनट से

पूर्णिमा तिथि का समाप्त
5 फरवरी 2023 रात्रि 11: 58 मिनट

उदया तिथि -5 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी माघ पूर्णिमा

कब होगा आयुष्मान योग
आयुष्मान योग सूर्योदय से दोपहर 02:41 मिनट तक होगा.

सौभाग्य योग कब से?
सौभाग्य योग दोपहर 02: 41 मिनट से 6 फरवरी दोपहर 03: 25 मिनट तक होगा.

रवि पुष्य योग
रवि पुष्य योग सुबह 05 बजकर 56 मिनट से सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक होगा.

सर्वार्थ सिद्धि योग कब है
सुबह 05 बजकर 56 मिनट से सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा.

माघी पूर्णिमा 2023 पूजा की विधि

इस दिन रवि पुष्य योग में स्नान करें और फिर सूर्य मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें. साथ ही व्रत का संकल्प लेकर भगवान कृष्ण की पूजा करें. अपने पूजा में देवी-देवताओं को गंध, पुष्प, धूप एवं दीप अर्पित करें. इस दिन माता लक्ष्मी की उपासना निश्चित रूप से करें. एक बात का विशेष ख्याल रखें इस दिन के पूजा के अंत में आरती का पाठ करें. साथ ही इस दिन जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें. अपने दान में तिल और काले तिल को विशेष रूप से शामिल करें. साथ ही अगर हो सके तो माघ मास में काले तिल से हवन काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए.

माघ पूर्णिमा का महत्व जानें

माघ पूर्णिमा को ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश करते हैं. यही वजह है कि माघ पूर्णिमा के दिन विशेष तौर पर नदियों में पवित्र स्नान करने के लिए कहा जाता है. यह माना जाता है कि इस दिन पवित्र स्नान करने से जातक के जीवन में सूर्य और चंद्रमा से जुड़ी सारी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं. साथ ही अगर माघ पूर्णिमा के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो वह दिन और भी शुभ हो जाता है.

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