पटना: Bihar politics बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के बीच मचा घमासान मानों थमने का नाम नहीं ले रहा है. वैसे तो 2024 के लोकसभा चुनाव में वक्त जरूर है, लेकिन राजनेताओं और राजनीतिक पार्टियों द्वारा बयानबाजी अभी से शुरू हो गई है. पार्टियों द्वारा हराने-जीतने के दावों के साथ राज्य में गठबंधन तोड़ने और बनाने पर भी जमकर जुबानी जंग जारी है.
नीतीश कुमार के साथ अब कोई समझौता नहीं
नीतीश कुमार को NDA में शामिल होने के लेकर बीजेपी यह साफ बोल चुकी है कि अब सरकार चलाने को लेकर नीतीश कुमार से साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. बीजेपी के इस बयान पर सीएम नीतीश कुमार ने पलटवार करते हुए कहा है कि मुझे मर जाना कबूल है, लेकिन बीजेपी में जाना कबूल नहीं है.
लालू यादव को फंसा दिया गया
सीएम नीतीश कुमार ने लालू यादव को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव के बाबू जी को फंसा दिया गया. मैं कोई भी क्लेम नहीं का रहा. साथ ही मुझे कुछ भी नहीं चाहिए. सीएम नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के अटल सरकार पर बयान देते हुए कहा कि अटल जी की सरकार के दौरान रेलवे में अमूल्य काम हुआ. हमने वर्ष 2005 से राष्ट्र हित में काम किया है, हमने हर वर्ग के लिए काम किया है. हमें हर वर्ग के लोगों ने वोट दिया. हमारे वोटरों में मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल हैं. साथ ही उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी को अब पत चलेगा कि 2015 में जो सीटें मिली थीं वो किसके बदौलत मिली थीं. अब जब हम अलग हुए हैं तो उन्हें उनकी हैसियत पता चलेगा.
बीजेपी बताएं आजादी में उनका क्या योगदान
बीजेपी पर तंज कसते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा देश के हर एक चीज को बदल रही है. वो नाम बदल रहे हैं. मैं उनसे पूछता हूं कि वो बताएं कि देश की आजादी में उनका क्या योगदान था? अब अटल जी वाली बीजेपी नहीं रही. 2017 में उन्होंने आग्रह किया. साथ ही 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने मुझसे आग्रह किया, लेकिन इस बार चुनाव हो जाने दीजिए उन्हें उनकी हैसियत पता लग जाएगी. वे ये भूल गए हैं कि साल 2005 और 2010 में उनका क्या परिणाम रहा. बीजेपी वाले अभी से चुनाव को लेकर बहुत बुरी तरह से चिंतित हैं.