पटना: जदयू और उपेंद्र कुशवाहा के बीच छिड़े विवाद को लेकर राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का बयान सामने आया है. तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि किसी भी दल को चलाने में पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ- साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं की सहभागिता भी होती है. उपेंद्र कुशावाहा जदयू के संसदीय दल के अध्यक्ष हैं, जब पार्टी में उनकी अहमियत ऐसी है तो फिर पार्टी के कार्यकर्ताओं, सांसदों और विधायकों की हालत कैसी होगी? साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी को सुचारु ढ़ंग से चलाने के लिए पार्टी में समन्वय होना बेहद जरूरी होता है.
अगर पार्टी में आना चाहें तो आ सकते हैं उपेंद्र कुशवाहा
जदयू में हुए विवाद को लेकर लगातार पार्टी द्वारा उपेंद्र कुशवाहा पर निशाना साधा जा रहा था कि वो भाजपा के इशारे पर ऐसा कर रहे हैं. इस सवाल का जवाब देते हुए हुए तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है. तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि अगर उपेंद्र कुशवाहा भारतीय जनता पार्टी में आना चाहते हैं तो आ सकते हैं. पार्टी उनका स्वागत करेगी. बता दें कि जदयू राजद के गठबंधन के बाद प्रदेश से भाजपा जदयू गठबंधन टूट गया था और प्रदेश से भाजपा को सत्ता से हाथ धोना पड़ा था. जदयू-राजद गठबंधन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री तो नीतीश कुमार ही रहे, लेकिन उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के जगह तेजस्वी यादव को बना दिया गया. जिसके बाद से लगातार भाजपा द्वारा राजद-जदयू की जोड़ी वाली सरकार पर निशाना साधा जा रहा है.
बिहार में सरकारी तंत्र शराब माफियाओं से मिल गया है
गया में पूर्व मु्ख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा शराबबंदी पर दिए गए बयान पर तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि राज्य में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद जहरीली शराब से लगातार लोगों की मौत हो रही है. राज्य में जहरीली शराब को लेकर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है, लेकिन इसमें राज्य की सत्ता में काबिज महागठबंधन वाली सरकार पूरी तरीके से फेल रही है. बिहार में धड़ल्ले से शराब की बिक्री हो रही है और राज्य सरकार इसपर कोई भी ठोस कदम नहीं उठा पा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में जितने भी जहरीली शराब के निर्माता हैं, उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए और उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन ये सबकुछ तभी संभव हो पाएगा, जब सरकार ईमानदार होगी और उसके पास इच्छाशक्ति होगी. साथ ही पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पता नहीं क्यों गठबंधन सरकार की सरकारी तंत्र शराब माफियाओं के साथ मिल गई है.