रायपुर। राज्य की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका सोमवार से 5 दिवसीय हड़ताल शुरू करने जा रही हैं. इन्होंने सरकार से मांग की हैं कि इन्हें शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए. अगर इनकी मांग नहीं पूरी हुई तो 30 जनवरी से ये लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगी. इस हड़ताल को लेकर रविवार को चिल्फीघाटी सेक्टर में बैठक की गई। इस बैठक में सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता व सहायिका से ‘ आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता संयुक्त मंच ‘ द्वारा रायपुर में आयोजित धरने में शामिल होने की अपील की गयी.
3200 कार्यकर्ता सहायिका पर करती हैं काम
मालूम हो कि छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में 1684 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिसमें 3200 कार्यकर्ता व सहायिका काम कर रही हैं. ये सभी केंद्र सोमवार से 27 जनवरी तक बंद रहेंगे. वनांचल क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से भी इस हड़ताल में शामिल होने को कहा गया हैं.
23 से 27 जनवरी तक हड़ताल
गौरतलब हैं कि ऐसा पहली बार नहीं हैं कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता धरना देने बैठी हैं. इससे पहले जिला स्तर पर भी धरना प्रदर्शन हो चुका हैं. 30 दिसंबर को इनके द्वारा 6 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया था और 22 जनवरी तक इन्हें पूरा करने की मांग की थी. मगर इनकी मांग नहीं सुनी गई जिस कारण ये 23 से 27 जनवरी तक हड़ताल करेंगी।
कार्यकर्ताओं को मिलता है 2425 रु प्रतिमाह
बता दें कि रायपुर में आयोजित होने वाले धरना में शामिल होने से पहले इन कार्यकर्ताओं ने डीएम को जानकारी देते हुए कहा कि इन लोगों को 2425 रुपए प्रतिमाह दिया जाता हैं, जो की बहुत कम है।
कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगें
मालूम हो कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने सरकार से मांग की है कि प्राइमरी स्कूलों में प्राइमरी शिक्षक का दर्जा व वेतन दिया जाए। रिक्त पदों को भरा जाए तथा कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति दिया जाए। सरकार रिटायरमेंट होने पर कार्यकर्ताओं को 5 लाख रुपए जबकि सहायिका को 3 लाख रुपए दें। साथ ही मासिक पेंशन, ग्रेच्युटी व अन्य समूह बीमा योजना लागू हो। पोषण ट्रैक और अन्य कार्य करने के लिए सरकार मोबाइल और नेट रिचार्ज का प्रावधान करें अन्यथा मोबाइल पर कार्य करने के लिए दबाव नहीं दिया जाए।